पंचकूला। श्री माता मनसा देवी मंदिर की मेन मार्केट में सीटीयू और सभी लोकल बसों के लिए बस स्टैंड बना हुआ है। यहां करीब 290 सीटीयू बसों का आना-जाना है । तकरीबन हर पांच मिनट के बाद बसे सकेतड़ी, हाउसिंग बोर्ड होते हुए यहाँ पहुंचती हैं। जहां कुछ बसें तो बस अड्डे के अंदर चली जाती हैं तो कुछ बसें मजबूरन बाहर मेन सड़क पर ही खड़ी करनी पड़ती हैं । एक तरफ तो यहां थ्री व्हीलर वालों का जमावड़ा लग जाता है तथा दूसरी ओर श्रद्धालुओं की गाडिय़ां खड़ी होती हैं। इससे बसों को अड्डे के अंदर जाने के लिए रास्ता पूरी तरह ब्लॉक हो जाता है । इससे यात्रियों को तो परेशानी होती ही है साथ ही बस चालकों को भी भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है । इसके अतिरिक्त बसें मेन रोड पर खड़ी किए जाने से रोड़ से गुजरने वाले अन्य व्हीकल्स को भी परेशानी होती है । अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है और दुर्घटना का भी खतरा रहता है। इस मार्केट में बने अस्थायी बस अड्डे के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। नवरात्रों के समय तो स्थिति और भी विकट हो जाती है तथा भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है।
चालक परिचालकों के बैठने की व्यवस्था नहींचालक परिचालकों के बैठने की व्यवस्था नहीं
पंचकूला समाचार की टीम ने जब यहां की बसों के चालक परिचालकों से बात की तो उनका कहना था कि मनसा देवी बस अड्डा बहुत ही तंग जगह में बनाया गया है, सभी बसें एक साथ बस अड्डे के अंदर खड़ी नहीं की जा सकती तथा बसों को पार्क करने या निकालने में भारी परेशानी तो होती है साथ ही इसमें काफी समय भी लग जाता है। इन कर्मचारियों का यह भी कहना था कि बस अड्डे पर उनके बैठने के लिए कोई शैड आदि की व्यवस्था नहीं है उन्हें ऐसे ही भटकना पड़ता है। तपती गर्मी में या बरसात में उन्हें या तो कहीं चाय की दुकान पर खड़े होकर या सड़कों पर खड़े रहना पड़ता है उनके लिए चाय नाश्ता या भोजन करने के समय भी कोई बैठने आदि की व्यवस्था नहीं है। इन चालकों का यह भी कहना है कि जैसे ही बस आकर रुकती है यहां के दुकानदार उनकी दुकान से प्रसाद आदि लेने के लिए बस से उतरने वाले यात्रियों की तरफ टूटकर पड़ते हैं जिससे यात्रियों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इस बात को लेकर कई बार तो यात्रियों व दुकानदारों का झगड़ा भी हो चुका है। इस खींचातानी के समय कुछ असामाजिक तत्व भी मौके का फायदा उठाकर यात्रियों के सामान पर भी अपना हाथ साफ कर देते हैं। इतना ही नहीं इस बस अड्डे पर यात्रियों के बैठने के लिए या बस की प्रतीक्षा करनेे के लिए कोई व्यवस्था परिवहन विभाग की तरफ से की गई है। यात्रियों को भरी गर्मी, सर्दी या बरसात में खड़े-खड़े ही बसों की प्रतीक्षा करनी पड़ती है जिसमें बीमार व्यक्तियो, बुजुर्गों व महिलाओं को तो भारी परेशानी होती है। कुछ यात्रियों से भी बातचीत की तो उनका कहना था कि यात्रियों के बैठने की व्यवस्था यहां अवश्य करनी चाहिए।
इस खुली जगह में बस अड्डा बनाने की मांगइस खुली जगह में बस अड्डा बनाने की मांग
पंचकूला समाचार की टीम ने जब यहां आए कुछ श्रद्धालु यात्रियों से बस अड्डे की दिक्कत को लेकर बात की तो उनका इस बारे में कहना था कि मनसा देवी आने वाले यात्रियों के लिए बस अड्डा बहुत दूर बनाया गया है। बस से उतरकर काफी दूर उन्हें पैदल चलना पड़ता है जिससे विशेषकर बुजुर्गों को काफी दिक्कत होती है। उनका कहना था कि बस अड्डा मंदिर के निकट ही होना चाहिए। बस अड्डे को लेकर बस चालकों व परिचालकों की भी यही राय थी कि इस बस अड्डे को यहां से शिफ्ट कर मंदिर के साथ बनी नई गौशाला के पास जो कई एकड़ जमीन खाली पड़ी है वहां स्थाई बस अड्डा बनाया जाना चाहिए जिससे एक तो सभी बसें एक साथ अंदर खड़ी की जा सकेंगी दूसरे यहां आने वाले यात्रियों को भी मंदिर तक आने के लिए काफी दूर तक पैदल नहीं चलना पड़ेगा। यहां आने-जाने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि एक तो यहां पर पक्का स्थाई बस अड्डा बनाया जाए क्योंकि सबसे ज्यादा बसें मनसा देवी आती जाती हैं जिनमें प्रतिदिन हजारों यात्री श्री माता मनसा देवी के दर्शन करने आते हैं लिहाजा दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित बस अड्डा यहां बनवाना चाहिए ताकि श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। यहां बाहर से आए हुए श्रद्धालुओं की मांग थी कि ऐसा बस स्टैंड होना चाहिए जिसमें यात्रियों के लिए एक वेटिंग रूम हो, अच्छे शौचालय हों, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हो, बैठने के लिए उचित प्रबंध होना चाहिए। साथ ही असामाजिक तत्वों से सुरक्षा के लिए पुलिस की पर्याप्त व्यवस्था हो।