पीजीआई के प्रवेश द्वार से पहले दाई तरफ जिन लोगो के मरीज़ हॉस्पिटल में दाखिल है उनके तीमारदार यहां छाया में आराम करते हैं। यहां पर कई एनजीओ भी सुबह से रात तक लंगर भी लगाती है। मगर कुछ लोगो ने रेहड़ी मार्किट बनानी शुरू कर दी है जो कि खुले में पराठें, चाय, छोले भटूरे, शर्बत, नींबू पानी इत्यादि खुले में बेचे जा रहे हैं। इस सड़क पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक है और इतनी धूल मिटी उड़ती है वहां पर प्रशासन की नाक तले इतने गंदे तरीके से खाने-पीने का सामान बनाकर लोगों को परोसा जाता है मज़बूरी में कई लोग इस गंदे खाने को खाते हैं। इसके इलावा और कई रेहडिय़ां हर रोज़ नई लग रही है वो दिन दूर नहीं कि जब इस जगह पर पूरी तरह से रेहड़ी मार्केट बन जाएगी।
पीजीआई जैसे अस्पताल के आगे जिस तरह से खुलेआम रेहड़ी ठेली वाले परांठे आदि बनाकर बेच रहे हैं तथा साथ ही यहां पर झूठे बर्तन आदि धोकर हर समय गंगदी फैलाए रखते हैं यह आम बात नहीं है। इन्हीं लोगों की वजह से शहर में पिछले दिनों डेंगू व चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियां यहां पर दस्तक दे चुकी हैं। प्रशासन बड़े-बड़े दावे तो कर रहा है मगर हकीकत कुछ और ही है। या फिर नगर निगम प्रशासन इन लोगों को हटाना ही नहीं चाहता। कुछ लोग दबी जुबान में कह रहे थे कि निगम कर्मचारियों की मिलीभगत के बगैर ये लोग यहां बैठने का साहस नहीं कर सकते। लोगों ने डीसी चंडीगढ़ से भी मांग की है कि ऐसे लोगों को जल्दी ही उठाया जाना चाहिए ताकि आने वाले दिनों में तपती गर्मी में कोई बीमारी आदि न फैल सके। कुछ जागरुक लोगों का तो यह भी कहना है कि 25 अप्रैल को मलेरिया दिवस तो मना लिया गया मगर यह सब कागजी कार्रवाई बनकर रह गई है धरातल पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।