सही समय पर यदि बीमारी के लक्षण पता कर लिए जाए तो ही उपचार संभव हो पाता है। सही समय पर जांच की वजह से ही बहुत सारे केसेस में बीमारी पकड़ लेने के कारण व्यक्ति की जान बच जाती है। 40 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को निश्चित रूप से आपको इन मेडिकल जांच को साल में कम से कम एक बार ज़रूर कराना चाहिए। अगर किसी को किसी विशेष बीमारी से कोई जोखिम है या किसी बीमारी का पारिवारिक इतिहास है तो ये परीक्षण कम उम्र में भी कराना पड़ता है।
चालीस के बाद हर साल ज़रूरी है ये जांच…
1. कम्पलीट ब्लड काउंट सीबीसी
विद पेरिफेरल ब्लड फिल्म : शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं और श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या, हीमोग्लोबिन की स्थिति इस जांच से पता चलती है।
2. रिनल फंक्शन टेस्ट
इसमें ब्लड और यूरिन की जांच की जाती है। किडनी संबंधी बीमारियां लगातार बढ़ती जा रही हैं इसलिए यह जांच भी साल में एक बार अवश्य करा लेनी चाहिए।
3. सीरम इलेक्ट्रलोलाइट टेस्ट
शरीर में पोटैशियम, मैग्नीशियम और सोडियम के स्तर का पता सीरम इलेक्ट्रोलाइीट की जांच से किया जाता है। हृदय रोगियों को यह जांच नियमित करानी होती है।
4. ईसीजी
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम टेस्ट या ईसीजी की जांच के माध्यम से इलेक्ट्रिक तरंगों द्वारा दिल की बीमारी का पता लगाया जाता है।
5. लिवर फंक्शन टेस्ट
लिवर संबंधी बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। अत: साल में एक बार लिवर फंक्शन टेस्ट अवश्य कराना चाहिए। टेस्ट से लीवर में सूजन, क्षति का पता चल जाता है।
6. यूरिन टेस्ट
इस टेस्ट के माध्यम से पथरी, किडनी संबंधी बीमारी के बारे में पता लगाया जाता है। यूरिन में पीएच लेवल टेस्ट के माध्यम से ही यूटीआई इंफेक्शन को पहचाना जा सकता है।
7. लिपिड प्रोफाइल
थकान महसूस हो रही हो, वजन बढ़ गया, हार्ट प्रॉब्लम हो तो डॉक्टर यह जांच कराने के लिए कहते हैं। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के माध्यम से ही शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर का पता चलता है।
8. थायरॉइड टेस्ट
महिलाओं में थायरॉइड डिस्फंक्शन शिकायत ज्यादा होती है। इसलिए यह टेस्ट किया जाता है।
9. चेस्ट एक्स-रे
लगातार खांसी, बुखार हो, फेफड़े में इंफेक्शन या सीने में दर्द की शिकायत हो तो चेस्ट एक्स-रे टेस्ट कराते हैं।
10. ब्लड शुगर
डायबिटीज की जांच के लिए करते हैं।