बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी (बीएमयू) ने आज नए वाइस चांसलर, प्रोफेसर मनोज कुमार अरोड़ा की नियुक्ति की घोषणा की। प्रोफेसर अरोड़ा पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पीईसी) के डायरेक्टर थे, जहां उन्होंने प्रशासनिक और शैक्षणिक स्तर पर कई सुधार किए थे। प्रोफेसर अरोड़ा के पास भारत, ब्रिटेन और अमेरिका के शैक्षणिक संस्थानों में अध्यापन, शोध, प्रशासनिक कार्यों और नेतृत्व का करीब 30 साल का अनुभव है।
अपनी नियुक्ति के मौके पर प्रोफेसर मनोज कुमार अरोड़ा ने कहा, इनोवेटिव टीचिंग, लर्निंग और रिसर्च के जरिये शिक्षण क्षेत्र में बदलाव लाने में जुटे बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी से जुडक़र मैं सम्मानित अनुभव कर रहा हूं। यूनिवर्सिटी के अनूठे शैक्षणिक वातावरण, क्रिएटिविटी, समस्या समााधन, उद्यमिता और इनोवेशन पर फोकस तथा क्रॉस डिसिप्लिनरी रिसर्च ने मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित किया। यूनिवर्सिटी बहुत मजबूत स्थिति में है और इसने थोड़े ही समय में खुद को उच्च शिक्षण संस्थान से बेहतरीन विकल्प के रूप में स्थापित कर लिया है। बीएमयू के पास शानदार स्टेट ऑफ द आर्ट मॉडर्न इन्फ्रास्ट्रक्चर, उच्च शिक्षित अध्यापक तथा मजबूत उद्योग एवं विदेशी गठजोड़ है। मैं इस श्रेष्ठ संस्थान के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में अपने 30 साल के अनुभव का प्रयोग करने को लेकर उत्साहित हूं।
बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी, गुडग़ांव के चांसलर सुनील कांत मुंजाल ने कहा, प्रोफेसर मनोज को बीएमयू का वाइस चांसलर नियुक्त किए जाने की हमें खुशी है। उनके पास विविध क्षेत्रों, वैश्विक संस्थानों में अध्यापन व शोध का अनुभव है। उनकी उपस्थिति से यूनिवर्सिटी को अपने अनुभव आधारित अध्यापन पर फोकस बनाए रखने में मदद मिलेगी।
प्रोफेसर अरोड़ा ने स्वानसी यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन से रिमोट सेंसिंग में पीएचडी की है। वह सायराक्यूज यूनिवर्सिटी, अमेरिका के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटर साइंस विभाग में नासा प्रायोजित प्रोजेक्ट में दो साल पोस्ट-डॉक्टरल रिसर्च फेलो भी रहे हैं। वह आईआईटी रुडक़ी में दो बार आउटस्टैंडिंग टीचर अवार्ड, कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप अवार्ड, डीएसटी यंग साइंटिस्ट अवार्ड, एआईसीटीई यंग टीचर करियर अवार्ड और पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप से सम्मानित हो चुके हैं। वह इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) से भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने विभिन्न आईआईटी, डीआरडीओ, यूपीएससी, सीएसआईआर, यूजीसी, एआईसीटीई और अन्य कई श्रेष्ठ संस्थानों में कई कमेटियों में सेवा दी है।
प्रोफेसर अरोड़ा ने भारतीय रेलवे के लिए कल्पना चावला चेयर ऑफ जियोस्पेसियल टेक्नोलॉजी की स्थापना में और चंडीगढ़ में केंद्रशासित (यूटी) प्रशासन एवं पंजाब सरकार की मदद से पीईसी में स्मार्ट सिटी इनोवेशन सेंटर खोलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।