27 फरवरी 2009 को सेक्टर-36 कैनरा बैंक के कर्मियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उनके बैंक के साथ कुछ लोगों ने 14 करोड़ रूपये की ठग्गी की है। इतनी बड़ी रकम की ठग्गी की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत केस दर्ज किया।
कैनरा बैंक ब्रांच के कर्मचारियो ने श्री बालाजी स्पॉन्ज आयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर मनोज गोयल और नीरू गोयल के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। कर्मचारियों का कहना था कि इनके साथ और भी आरोपी मिले हुए है और सभी आरोपियों ने मिलकर बैंक के साथ 14 करोड़ रूपए का लोन सेंक्शन करवाया था। जो कागजात आरोपियों ने लोन के लिए इस्तेमाल किए वह सभी नकली थे।जिसके बाद पुलिस ने आरोपी मनोज गोयल और जय सिंह राणा जो कि कैनरा बैंक के इम्पैलल्ड वैल्यूएटर थे, के खिलाफ धारा 420, 471, 120बी, 467 के तहत मामला दर्ज किया।
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सबूत न मिल पाने के कारण इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। सिर्फ एक आरोपी मनोज गोयल के खिलाफ चार्ज फ्रेम किया गया था। जिसके खिलाफ ट्रायल भी किये गए, लेकिन इसी दौरान उसकी भी मौत हो गई।
जिसके बाद कोर्ट ने ये केस बंद कर दिया। सीबीआई ने इसके खिलाफ दोबारा से केस को शुरू करने की पिटीशन फाइल की थी लेकिन सीबीआई कोर्ट ने उसे भी खारिज कर दिया।