सुप्रीम कोर्ट ने आज पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के साथ वेंडर को नो-वेंडिंग जोन से हटाने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जबकि सुखना लेक के वेंडरों द्वारा दायर एक विशेष अवकाश याचिका(एसएलपी) ले ली गई है।
कोर्ट द्वारा याचिका को खारिज करते हुए कहा गया कि, ‘चूंकि उच्च न्यायालय सिविल रिट याचिका में कार्यवाही को जब्त कर लिया गया है और वेंडिंग और नॉन-वेंडिंग से बाहर नक्काशी से संबंधित संपूण निगरानी कर रहा है, हम संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग करने के लिए इच्छुक नहीं हैं।’
खंडपीठ के समक्ष पेश होकर, सेक्टर-17 के व्यापारियों की ओर से सीनियर काउंसल ने स्पष्ट किया कि सेक्टर 1-6 और सेक्टर-17 यूनेस्को हेरिटेज है। इसलिए यहां वेंडिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती। शहर में 9,356 रजिस्टर्ड विक्रेता है, और कुल 44 वेंडिंग जोन है। जो पंजीकृत विक्रेताओं के लिए 5,000 से अधिक वेंडिंग साइटें है। लेकिन सिर्फ सेक्टर-17 में ही 641 पंजीकृत विक्रेता है। जिन्हें निशान लगे वेंडिंग जोन में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
रजिस्टर्ड विक्रताओं को सही जगह देने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए है। इस के लिए मुख्य न्यायाधीश रवि शंकर झा और पहले उप-न्यायाधीश राजीव शर्मा की बैठक ने चार हफ्ते की समय सीमा तय की है।