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हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों को मिली सज़ा , पुलिस द्वारा एनकाउंटर में ढेर

हैदराबाद में 27 नवंबर की रात को चार हैवानों ने एक महिला पशु चिकित्सक से साथ दुष्कर्म किया। इनकी हैवानियत सिर्फ यहीं नहीं रूकी चारों ने दुष्कर्म के बाद महिला डॉक्टर (प्रियंका रेड्डी) को जला कर उसका शव फेंक दिया था। शव को अगली सुबह शादरनगर में एक पुल के नीचे से बरामद किया गया था।
इस दर्दनाक घटना से पूरे देश ने एकजुट होकर प्रियंका रेड्डी को इंसाफ दिलाने की मांग की। लोगों ने जगह-जगह प्रदर्शन कर कानून से इंसाफ की मांग की।

29 नंवबर को पुलिस ने चारों आरोपियों (मोहम्मद, आरिफ, जोलू शिवा, जोलू नवीन और चिंताकुुंटा चेन्नाकेशवुलु) को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद उन्हें कोर्ट ने 14 दिन की नयायिक हिरासत में भेज दिया था।

6 दिसंबर को चारों आरोपियोंं को तेलंगाना पुलिस द्वारा नेशनल हाईवे पर सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही अरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग कर वहां से भागने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने भी बचाव में जवाबी फायरिंग की और चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर उन्हें ढेर कर दिया।

जैसे ही लोगों को एनकांउटर की सूचना मिली तो घटना स्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने वहां ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। लोगों ने वहां मौजूद डीजीपी-एसपी पर फूल बरसाए।
पुलिस द्वारा किए इस एनकांउटर से न सिर्फ मृत प्रियंका रेड्डी और उसके परिवार को बल्की पूरे देश को इन्साफ मिला। इस समय पूरे देश में पुलिस की सराहना की जा रही है। पूरा देश इनका समर्थन कर रहा है।

9वें दिन चारों आरोपियों के एनकाउंटर से मिला प्रियंका रेड्डी को इंसाफ

27 नंवंबर की रात को प्रियंका रेड्डी का स्कूटर रास्ते में पंक्चर हो गया था। आरोपियों ने महिला को अकेले देख उसके साथ दुष्कर्म कर उसे मौत के घाट उतार दिया था। प्रियंका की हत्या करने के बाद आरोपियों ने प्रियंका के शव को जलाकर पुल के नीचे फेंक दिया था।

28 नवंबर की सुबह प्रिंयका का आधा जला शव मिला। जिसे पुलिस ने शादरनगर में एक पुल के नीचे से बरामद किया था।

29 नवंबर को पुलिस के इस हैवानियत को अंजाम देने वालों चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद से पूरे देश आरोपियों को मौत की सज़ा देने की मांग कर रहा था। कोर्ट ने चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। लेकिन लोगों की मांग थी की आरोपियों को किसी भी तरह की कोई कानूनी मदद नहीं दी जानी चाहिए, उन्हें मौत के घाट उतार देना चाहिए।

1 दिसंबर को उन तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया जो मामले में ढील बरत रहे थे।

2 दिसंबर को डॉक्टर के साथ दुष्कर्म मामले पर संसद में भी बहस हुई थी।

4 दिसंबर को महबूब नगर जिला अदालत ने विशेष कोर्ट के गठन का ऐलान किया था।

6 दिसंबर को पुलिस की टीम चारों आरोपियों को सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए घटना स्थल पर जा रही थी। जहां पहुचने पर जब आरोपियों ने भागने की कोशिश की तो पुलिस ने चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया।