जिंदगी में उतार चढ़ाव हर किसी की जिदंगी में आते है, लेकिन सब परेशानियों से उभरना कैसे ये हर इन्सान की अपनी सोच पर ही निर्भर करता है। कोई दूसरा व्यक्ति कभी भी आपको आपकी मर्जी के बिना नुकसान नहीं पहुंचा सकता, न ही आपकी सोच को बदल सकता है।
सफलता पाने के लिए संघर्ष करना जरूरी है, ये तो हर सफल इन्सान बताता है। लेकिन उस संघर्ष को आसान कैसे बनाया जाए? ये समझना केवल आपके हाथ में है।
ऐसे ही कहानी एक साराधरण से परिवार में रहने वाले व्यक्ति जिसने अपनी जिंदगी में कई मुश्किलों के साथ संघर्ष किया, कई बाद असफल हुए लेकिन बिना हिम्मत हारे सफलता, खुशी और संतोष पाने के लिए आगे बढ़ते गए।
संदीप महेश्वरी की सफलता का रहस्य जो उन्होंने सबसे शेयर कर देश की युवा पीढ़ी की सोच को बदला:-
‘अगर आपके पास आपकी जरुरत से ज्यादा कोई वस्तु हो तो आपको वो उन लोगो के साथ बाटनी चाहिए जिनको उस वस्तु की सबसे ज्यादा जरुरत हो’
देश के एक सफल व्यवसायी और जाने माने फोटोग्राफर संदीप महेश्वरी ने जिस रहस्य से अपनी जिदंगी में आई मुश्किलों का सामना किया। वहीं रहस्या आगे लोगों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने कई“Free Life-Changing Seminars And Sessions” किए जिसमें उन्होंने अपनी सफलता के रहस्य शेयर किए। इसमें कोई शक नहीं है की लाखों लोगों ने उनके द्वारा शेयर की बातों से प्रेरित होकर उसे अपने जीवन में भी अपनाया। और न सिर्फ अपनाया बल्कि सफलता भी हासिल की।
संदीप महेश्वरी के करियर की शुरूआत
संदीप महेश्वरी का परिवार का परिवार एलुमिनियम के व्यवसाय में था, जो बाद में बंद हो गया और फिर परिवार की जरूरतों को पूरा करने का दायित्व उन पर आया और आशा के अनुरूप उन्होंने वो सब कुछ किया जो वो कर सकते थे।
संदीप एक ‘Multi-National Company’ में शामिल हुए और घरेलु इस्तेमाल के सामान की Marketing भी की। उन्होंने कोई भी काम नहीं छोड़ा। वे हर तरह का काम करते गए जो उन्हें मिला। उन्होंने एक होनहार विधार्थी बनने की बजाये दिल्ली के किरोरिमल कॉलेज के T.Y. B.Com को बिच में ही छोड़ दिया। अब उन्होंने निश्चय किया की उन्हें उसी विषय का अभ्यास करना चाहिए जिसमे उनकी रूचि हो।
संदीप महेशवरी ने 19 साल की उम्र में मॉडल बनने का सपना देखा। मॉडलिंग से करियर की शुरूआत की। जहां उन्हें मिडल क्लास फैमिली से होने के वजह से आर्थिक तौर पर कई तरह की परेशानियों सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी भी इन सबसे हार नहीं मानी और आगे बढऩे के लिए लगातार संघर्ष करते खुद को प्रेरित करते हुए हर परेशानियों से लड़ते चले गए।
लेकिन जब कई रूकावटों के कारण उनका मॉडलिंग करियर में कुछ नहीं बन पाया तो हार मानने की बजाए उन्होंने फैसला लिया कि जो दूसरे मॉडल इस लाइन में संघर्ष कर रहे है। वह उन्हें प्रेरित करेंगे। साथ ही उन्होनें बाद में 2 हफ्तों के फोटोग्राफी क्लास ली। जिसमें उन्होंने कई मनमोहक और सुन्दर तस्वीरे अपने कैमरे से ली। वे बस अपनी मॉडलिंग दुनिया को बदलने के प्रयास में तीव्र इच्छा से आगे बढ़ते गये।
इसी तरह से उन्होंने कुछ समय बाद अपनी खुद की कंपनी ‘Mash Audio Private Limited’ का निर्माण किया और portfolios बनाना शुरू किया।अगले साल 2002 में, उन्होंने अपने तिन मित्रो के साथ एक कंपनी स्थापित की जो 6 महीनो में ही बंद हो गयी। लेकिन संदीप महेश्वरी का दिमाग अभी भी खुला ही था।
जब वे सिर्फ 21 साल के थे तो उन्होंने एक नयी संकल्पना दिल से “Sharing” के साथ अपने अब तक के पुरे अनुभवों को एक मार्केटिंग बुक में लिखा।
वो 2003 था, जब मात्र 10 घंटे 45 मिनट में 122 मॉडल्स के 10000 से भी ज्यादा फोटो लेकर उन्होंने एक ‘ ‘World Record” बनाया। जिसके बाद वे कभी नहीं रुके। उनका ध्यान केवल लोगो के कुछ समय के आकर्षण पर नहीं था, बल्कि वे तो अपने विचारो से समस्त मॉडलिंग दुनिया ही बदलना चाहते थे।
साल 2006 में 26 साल की आयु में उन्होंने ImageBazaar.Com को आरम्भ किया। अपना Business अच्छी तरह से सेट ना होने के कारण वो कई काम एक साथ करने लगे। वे एक वकिल बने, Tele-Caller बने और फोटोग्राफर बने, उन्होंने खुद की इच्छा से ही अपने आप को उन क्षेत्रो में डाला था।
आज, Image Bazaar में भारत की करोड़ों फोटो है जो की विश्व में सबसे ज्यादा और साथ ही 45 देशो में 7000 से भी ज्यादा ग्राहक है। उनका ऐसा मानना था की, “फोटोग्राफी में सिर्फ काम नहीं बिकता वहा नाम भी बिकता है, और उन्हें अपना नाम कमाना था।”
उन्हें 29 साल की आयु में युवा भारत का सबसे प्रसिद्द उद्योगपति चुना गया। बाद मे उनके विचार ही उनके भाषण का कारण बनी जैसे, “असफलता से कभी नहीं डरना”, “खुद के प्रति और दुसरो के प्रति सत्यवादी होना।”
एक सफल उद्यमी के साथ-साथ, दुनियाभर के लाखो-करोडो लोगो के सलाहकार, आदर्श और ‘Youth Icon’ भी है। वे लगातार लोगो को प्रेरित करते रहे और उनका जीवन “आसान” बनाते गये और उनके इस अच्छे काम के लिए दुनिया भर से लोगो का साथ और प्यार मिलता गया।
इसीलिए आज उनकी प्रेरित करने वाली संस्था किसी मुनाफे के भरोसे नहीं चलती। वहा काम करने वाले हर एक व्यक्ति के बिच भावनात्मक बंधन होता है जो उन्हें एक दुसरे से और उस संस्था से जोड़े रखता है, और यही उनके लिए जरुरी है।
आज उनमे कई सारे संस्थाओ को निर्माण करने की क्षमता है लेकिन वो अपने खुद के द्वारा बनाये गये इस Status से ही संस्तुष्ट है।