चंडीगढ़ स्टेट कमीशन ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। महज 38 रुपए की ओवरचार्जिंग पर कमीशन ने एलांते मॉल और वहां के दो रेस्टोरेंट्स पर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की रकम उन्हें पीजीआई के पुअर पेशेंट फंड और कंज्यूमर लीगल एड अकाउंट में जमा करवानी होगी। कमीशन ने सेक्टर-42 के नवनीत जिंदल की ओर से फाइल किए दो केसों में ये फैसला सुनाया है। ये रेस्टोरेंट एलांते मॉल की तीसरी मंजिल पर बने फूड कोर्ट में चल रहे थे।
वहीं, दूसरी ओर दोनों केसों की सुनवाई के दौरान ये भी पता चला कि इन रेस्टोरेंट्स के पास फूड बिजनेस चलाने के लिए लाइसेंस भी नहीं था। यानी ये रेस्टोरेंट न सिर्फ ओवरचार्जिंग कर रहे थे, बल्कि गैरकानूनी तरीके से अपना बिजनेस चला रहे थे। कमीशन ने सख्ती दिखाते हुए एलांते मॉल को निर्देश दिए हैं कि मॉल के अंदर जितने भी रेस्टोरेंट बिना लाइसेंस के चल रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द बंद किया जाए। इसके साथ ही कमीशन ने डिप्टी कमिश्नर (डीसी) को भी कहा कि वे एंश्योर करें कि कोई रेस्टोरेंट बिना फूड लाइसेंस के न चलें और जो अभी ऐसे रेस्टोरेंट हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
पानी पर 10 रु., सॉफ्ट ड्रिंक पर 28 रु. ज्यादा लिए थे
नवनीत जिंदल 29 जनवरी 2017 को अपने परिवार के साथ एलांते मॉल गए थे। वहां उन्होंने आकाश रेस्टोरेंट से सॉफ्ट ड्रिंक की बोतल ली। इसके लिए उन्होंने 60 रुपए चार्ज किए, जबकि यह बोतल मार्केट में 32 रुपए एमआरपी पर मिल जाती है। उन्होंने पानी की बोतल भी खरीदी थी, जिसके लिए उनसे 30 रुपए लिए गए, जबकि पानी की बोतल किसी भी दुकान पर 20 रुपए एमआरपी पर मिल जाती है। लिहाजा, उन्होंने इन रेस्टोरेंट्स और एलांते मॉल के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में शिकायत दी। फोरम ने उनके दोनों केस पिछले साल खारिज कर दिए थे। इसलिए उन्होंने फोरम के आदेश के खिलाफ कंज्यूमर कमीशन में अपील फाइल की।
कमीशन ने कहा-ये कोई होटल या रेस्टोरेंट नहीं हैं
रेस्टोरेंट्स की तरफ से कमीशन में दलील दी गई कि उनके यहां कस्टमर आराम से बैठकर एक अच्छे माहौल को एंन्जॉय कर सकते हैं। इसलिए उन पर ड्यूल एमआरपी का कानून लागू नहीं होता। वहीं, कंज्यूमर कमीशन ने कहा कि-एलांते मॉल का ये फूड कोर्ट कोई होटल या रेस्टोरेंट नहीं हैं। वहां लोगों को अपने लिए खुद सर्व करना पड़ता है। इसलिए वे एमआरपी से ज्यादा चार्ज नहीं कर सकते। कंज्यूमर कमीशन ने एलांते मॉल को निर्देश दिए कि फूड कोर्ट में किसी भी चीज पर एमआरपी से ज्यादा चार्ज न किए जाएं।
ये सुनाया कमीशन ने फैसला
रेस्टोरेंट्स को दोनों चीजों पर लिए एक्स्ट्रा अमाउंट को रिफंड करना होगा। दोनों मामलों में 20-20 हजार रुपए हर्जाने के तौर पर चुकाने होंगे। 10 हजार रुपए मुकदमे पर हुए खर्च के देने होंगे।रेस्टोरेंट्स को 5-5 लाख रु. कंज्यूमर लीगल एड अकाउंट में डिपॉजिट करने होंगे। रेस्टोरेंट्स को 5-5 लाख रुपए पीजीआई के पुअर पेशेंट फंड में डिपॉजिट करने होंगे।