भारतीय सेना को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। हम सभी के दिलों में अपनी देश की सेना के लिए भरपूर प्यार, सम्मान और प्रशंसा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारतीय सेना का एक लंबा और शानदार इतिहास रहा है।
भारतीय सशस्त्र बलों को तीन भागों में बांटा गया है – भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना। भारतीय सेना भूमि आधारित इकाई है, जबकि भारतीय वायु सेना वायु रक्षा में काम करती है और भारतीय नौसेना नौसेना इकाई है। हमारी भारतीय सेना सक्रिय रोल पर लगभग 1.23 मिलियन कर्मियों और भंडार में अन्य 9.6 लाख के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है।
भारतीय सेना मुख्य रूप से भूमि आधारित हमलों के खिलाफ देश की रक्षा के लिए जिम्मेदार है। यह आतंकवाद से निपटने, देश में आपातकालीन स्थितियों से निपटने और बाढ़, भूकंप आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मामले में लोगों को बचाने के साथ-साथ अन्य एजेंसियों को भी मदद करता है।
भारतीय सेना बहुत विशाल है, इसे रेजिमेंटों में विभाजित किया गया है। कुछ महत्वपूर्ण रेजिमेंट पंजाब रेजिमेंट, मद्रास रेजिमेंट, राजपुताना राइफल्स, सिख रेजिमेंट आदि हैं। इसकी अपनी खुफिया इकाई भी है, जिसे संक्षेप में च्च्सैन्य खुफियाज्ज् या च्च्एमआईज्ज् के रूप में जाना जाता है।
स्वतंत्रता से पहले भारतीय सेना (ब्रिटिश शासन के तहत) ने प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय में भाग लिया था। स्वतंत्रता के बाद इसने कारगिल युद्ध (1999), बांग्लादेश मुक्ति युद्ध (1971), भारत -पाकिस्तान युद्ध (1965), भारत-चीन युद्ध (1962) और प्रथम कश्मीर युद्ध (1947) जैसे कई पूर्ण युद्ध लड़े हैं। इनके अलावा, भारतीय सेना ने सियाचिन संघर्ष (1984), ऑपरेशन पोलो (1948), भारत-चीन संघर्ष (1967) आदि जैसे कुछ छोटे संघर्षों को भी संभाला है।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी भारतीय सेना दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है।
जानिए क्यों 15 जनवरी को मनाया जाता है इंडियन आर्मी डे
इंडियन आर्मी इस वर्ष अपना 72वां Indian Army Day मनाएगी। क्या आप जानते हैं कि इंडियन आर्मी 15 जनवरी को ही इंडियन आर्मी डे क्यों मनाती है? इसके पीछे एक रोचक तथ्य है। 15 जनवरी को देश में इंडियन आर्मी डे मनाया जाता है। जिसे मनाने की एक खास वजह हैं। इस दिन इंडियन आर्मी अपने बहादुरों को सलाम करती है।
इस दिन ही इंडियन आर्मी को अपना पहला भारतीय कमांडर-इन-चीफ यानी आर्मी चीफ मिला था। इंडियन आर्मी को मिला पहला चीफ 15 जनवरी 1949 को लेफ्टिनेंट जनरल केएम करिअप्पा इंडियन आर्मी के पहले कमांडर-इन-चीफ थे। उन्होंने ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ फ्रांसिस बुचर से इंडियन आर्मी की कमान ली थी। इसलिए ही तब से ही इस दिन को ही आर्मी डे के तौर पर मनाया जाने लगा। फील्ड मार्शल करिअप्पा ने 1947 में भारत-पाक युद्ध में वेस्टर्न कमांड पर इंडियन आर्मी को कमांड किया था। इंडियन आर्मी को वर्ष 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में निर्मित किया गया था।
इस दिन पर राजधानी दिल्ली के अलावा भी हेडक्वाटर पर कई परेड और मिलिट्री शो का आयोजन किया जाता है। आर्मी डे को सेलिब्रेट करने का एक मकसद उन सभी शहीदों को सलाम करना भी है जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राण त्याग दिए और उन सैनिकों को भी सलाम करना है जो देश की सेवा में लगे हुए हैं।
केएम करियप्पा से जुड़ी खास बातें.
1. केएम करियप्पा को फील्ड मार्शल की उपाधि दी गई थी। भारतीय इतिहास में अभी तक यह उपाधि सिर्फ दो अधिकारियों को दी गई है।
2. उन्होने सन् 1947 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था।
3. 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में जन्मे फील्ड मार्शल करिअप्पा ने महज 20 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी की शुरुआत की थी।
4. करिअप्पा साल 1953 में रिटायर हुए थे और 1993 में 94 साल की आयु में उनका निधन हुआ था।
आज देशभर में इंडियन आर्मी के 53 कैंटोनमेंट और नौ आर्मी बेस हैं। भारतीय मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज भारत में सबसे बड़ी निर्माता कंपनी है।
इंडियन आर्मी की असम राइफल्स सबसे पुरानी पैरामिलट्री फोर्स है जिसकी स्थापना वर्ष 1835 में की गयी थी।
यूएन पीसकीपिंग आज इंडियन आर्मी के सबसे ज्यादा सैनिक हर वर्ष जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि आज राष्ट्रपति की सुरक्षा में जो गार्ड्स लगे हैं वह रेजीमेंट आर्मी की सबसे पुरानी रेजीमेंट है और राष्ट्रपति भवन में ही रहती है।
इंडियन आर्मी पर देश के हर एक नागरिक को गर्व है और हमेशा रहेगा। क्योंकि जब भी देशवासियों पर किसी भी तरह की कोई समस्या आई देश की आर्मी ने देशवासियों को सुरक्षित करने के लिए अपनी जान तक वार दी। जिसके लिए हर एक देश वासी सदैव इंडियन आर्मी का शुक्रगुज़ार रहेगा।