PGI में एक अंजान दंपत्ती द्वारा 6 महीने की एक बीमार बच्ची को बहुत ही क्रिटिकल कंडीशन में एडमिट करवाया गया। इस 6 महीने की प्रीमेच्योर बच्ची को दिल का रोग है। जिसके इलाज के लिए उसके मां-बाप ने बच्ची को यमुनानगर के एक हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था। लेकिन बच्ची की हालात ज्यादा खराब होने के कारण बच्ची के माता-पिता उसे हॉस्पिटल में ही छोडक़र वहां से भाग गए।
जिसके बाद वहां मौजूद एक अंजान दंपत्ती ने बच्ची की बिगड़ती हालत को देखकर उसे चण्डीगढ़ PGI में एडमिट करवाया। PGI के ICU में बहुत क्रिटीकल कंडीशन में भर्ती है। जहां डॉक्टरों द्वारा बच्ची की देखरेख की जा रही है।
प्रीमेच्योर पैदा होने के कारण हार्ट नहीं हुआ डेवलेव
डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची प्रीमेच्योर पैदा हुई है। जिस कारण उसका हार्ट सही ढंग से डेवलेप नहीं हो पाया है। प्रीमेच्योर डिलीवरी के कारण उसके हार्ट में प्राब्लम है। जिसके इलाज में लाखों रूपये खर्च होंगें।
हालांकि पूअर पेशेंट फंड से पीजीआई द्वारा बच्ची को बचने के लिए हर संभव मदद की जा रही है। लेकिन बच्ची PGI के ICU में बहुत क्रिटीकल कंडीशन में जिंदगी और मौज की जंग लड़ रही है।
प्रशासन द्वारा अभी तक नहीं की गई कोई मदद
6 माह की मासूम जिदंगी और मौत के बीच जूझ रही है। लेकिन अभी तक बच्ची की मदद के लिए न तो हरियाणा सरकार की ओर से और न ही चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से कोई पहल की गई है। PGI चंडीगढ़ अपने स्तर पर ही बच्ची का इलाज कर रही है।
जिस शख्स ने इस बच्ची को PGI में भर्ती कराया। वह इंसानियत के नाते अब तक बच्ची के इलाज पर 60 हजार रुपये खर्च कर चुका है।
बच्ची की मदद के लिए बच्ची को PGI चंडीगढ़ में भर्ती कराने वाले दंपत्ती ने हरियाणा सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन और तमाम NGO से मदद की गुहार लगाई है। ताकि बच्ची की जान बचाई जा सके और उस मासूम को एक नई जिंदगी दी जा सके।