चण्डीगढ़। अब शहर में ट्रैफिक पुलिस को दस्तावेजों की जांच करने के लिए ऑटो को रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने हायर की एक ऐसी कंपनी जो ऐसे चिप तैयार करेगी, जिससे ऑटो को बिना रोके ही चिप द्वारा उसकी तुरंत पहचान हो जाएगी। जो कि नियमों का उल्लंघन करते है।
शहर के लोगों से ट्रैफिक पुलिस नियमों का पालन करवाने के लिए पूरी जद्दोजहद में लगी हुई है। क्योंकि शहर को किसी भी तरह की वारदात से सुरक्षित रखना शहर की पुलिस की ड्यूटी होती है। जिसे लेकर चण्डीगढ़ पुलिस शुरू से ही सतर्क रही है।
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जिसके चलते अब आगामी मार्च माह से चंडीगढ़ की सड़कों पर सिर्फ वही ऑटो दौड़ेंगे, जिनमें रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन चिप (RFID) लगी होगी। चिप को स्कैनर से रीड करने ही इसकी पूरी जानकारी मिल जाएगी। साथ ही जिस ऑटो पर चिप नहीं होगी, उसकी तो पहले ही पहचान हो जाएगी। अभी पीक ऑवर्स में ट्रैफिक इतना ज्यादा होता है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले ऑटो को भी पुलिस रोकने से बचती है। इससे एक लेन पूरी ब्लॉक हो जाती है।
चंडीगढ़ के अपने 6000 ऑटो रजिस्टर्ड हैं। इसके बाद STA ने नए ऑटो रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा रखी है। अब सिर्फ इलेक्ट्रिक ऑटो का ही रजिस्ट्रेशन STA से होता है
क्या है आरएफआइडी , इससे जुड़ी एप्प भी डेवलप की जा रही है
रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन चिप (आरएफआइडी) एक ऐसी तकनीक है जिसमें आरएफआइडी टैग या स्मार्ट लेबल्स में एनकोट किए गए डिजिटल डाटा को रोडियो तरंगों के माध्यम से एक रीडर द्वारा कैप्चर किया जाता है। आरएफआइडी को दस्तावेजों का डिजिटल प्रारूप भी कह सकते हैं। वर्तमान में चर्चित फास्टटैग भी इसी तकनीक पर आधारित है। एक एप भी इसके लिए डेवलप की जा रही है, जिससे ऑटो चालक और प्रशासन दोनों को मदद मिलेगी।