हरियाणा में कोरोना संकट के बीच सामान्य मरीजों के लिए 500 मोबाइल डिस्पेंसरियां चलाई जाएंगी। इसके लिए प्रदेशभर में 211 टीमों का गठन कर दिया है। हरियाणा परिवहन की बसों का इसके लिए उपयोग किया जाएगा, क्योंकि वर्तमान में हरियाणा परिवहन की सेवाएं लॉकडाउन के कारण बंद है। इनमें 150 मिनी बसों को भी परिचालन में लाया जाएगा। हर बस में चालक और परिचालक की ड्यूटी लगाई जाएगी।
हर गांव का शेड्यूल बनाया जा रहा है। पहले ग्रामीणों को सूचित किया जाएगा कि उनके गांव में मोबाइल डिस्पेंसरी कब पहुंच रही है, ताकि समय के अनुसार ग्रामीण दवाई ले सकें। सप्ताह में एक या दो बार यह मोबाइल डिस्पेंसरी गांव-गांव पहुंचेंगी। वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मेडिकल ऑफिसर, डेंटल सर्जन,आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर फार्मासिस्ट,स्टाफ नर्स, MPHW, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, IMA, नीमा, NGO या कोई और संगठन, पीजी स्टूडेंट्स मेडिकल या नर्सिंग कॉलेज आदि को भी टीम में शामिल किया जा सकता है। रोगियों को दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी।
इनमें क्रोनिक व रूटीन डिजीज के रोगी शामिल होंगे। टीमों के पास समुचित मात्रा में कॉमन क्रो-मिक डिजीज और रोगियों के लिए बेसिक दवाइयां होंगी। रोगियों की जांच का रोजाना का रिकार्ड मेंटेन कर स्टेट मुख्यालय तक भेजना होगा। टीम के सदस्य सभी तरह की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे। इसको लेकर सभी सीएमओ को संबंधित डीसी के साथ समन्वय कर रूट बनाने के लिए निर्देश दिए हैं। ऐसा शेड्यूल बनाया जाएगा, जिससे कोई छोटा गांव भी न छूटने पाए।
हर ब्लाक स्तर पर इन बसों को चलाया जाएगा, तो एक गांव से दूसरे गांव में पहुंचेंगी, क्योंकि फिलहाल लोग शहरों या कस्बों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में इनके लिए कोरोना के अलावा अन्य रोगों की दवाई उपलब्ध कराना जरूरी है। यदि शहर में आएंगे तो इससे भीड़ बढ़ेगी। फिलहाल किस जिले में कितनी मोबाइल डिस्पेंसरियां चलाई जाएंगी।
यह जल्द ही फाइनल कर लिया जाएगा। वहीं गांव में मोबाइल डिस्पेंसरी के पहुंचने के बाद किसी तरह की भीड़ एकत्र नहीं होने दी जाएगी। लोगों को पहले कहा जाएगा कि भीड़ न लगाएं, ऐसा भी हो सकता है कि गांव में एक जगह की बजाए तीन या चार स्थानों पर मोबाइल डिस्पेंसरी पहुंचे,क्योंकि कई गांव बहुत बड़े हैं। हर मोबाइल डिस्पेंसरी में एलोपैथी,आर्युेविदक और होम्योपैथिक दवाइयां होंगी।