चण्डीगढ़। प्राईवेट स्कूलों द्वारा बच्चों की फीस लेने का मामला गंभीर होता जा रहा है। जहां स्कूल ऐसोसिएशन इस मामले को लेकर प्रशासन के खिलाफ याचिका तक दायर कर चुका है। जिसके बाद प्रशासन को भी स्कूल ऐसोसिएशन के आगे झुकना पड़ा।
प्राइवेट स्कूल ऐसोसिएशन बच्चों की फीस माफ करने को तैयार नहीं है। फीस न माफ़ करने को लेकर स्कूल ऐसोसिएशन कई कारण भी बता चूका है। वही बच्चों के पेरेंट्स फीस भरने के खिलाफ है क्योंकि उनका कहना है कि जब बच्चें स्कूल गए ही नहीं तो फीस किस बात की भरें।
अजीत कर्म सिंह इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल (एकेएसआईपीएस) सेक्टर-45 के बाहर पेरेंट्स नें 31 मई तक फीस जमा करवाने के खिलाफ नारेबाजी की। पेरेंट्स का कहना है कि जब स्कूल खुले ही नहीं तो फीस क्यों दें। पेरेंट्स की एक और शिकायत की स्कूल एडमिशन फीस को टूशन फी में ऐड करके मांग रहे है। जो की गलत है जब स्कूल खुल जाएंगे और हमारे बच्चे स्कूलों में जाना शुरू कर देंगे तो हम फीस भी दे देंगे।
स्कूल के बहार पेरेंट्स की भीड़ जमा होने के कारण मामला इतना बढ़ गया कि वहां पुलिस को आना पड़ा लेकिन पेरेंट्स इतने गुस्से में थे कि पुलिस के समझाने की कोशिश के बाद भी बात नहीं बनी।
प्रींसिपल ने कहा कि लाॅकडाउन के बाद फीस भर सकते है पेरेंट्स लेकिन पेरेंट्स फीस देने को ही तैयार नहीं
पेरेंट्स के स्कूल में इकट्ठा होकर प्रोटेस्ट करने के बाद स्कूल की प्रिंसिपल जैसमीन कालरा ने पेरेंट्स से मीटिंग में उनकी प्रोब्लम को समझते हुए उन्हें लाॅकडाउन खुलने के बाद फीस भरने का ऑफर दिया।
प्रींसिपल ने कहा कि यदि पेरेंट्स को फीस भरने में प्रॉब्लम है तो लाॅकडाउन के बाद अप्रैल के बाद के महीनों की फीस को किश्तों में दे सकते हैं या फिर अप्रैल और मई की फीस एक साथ न देकर एक-एक महीना करके किस्तों में दे दें। इसके उलट पेरेंट्स हमें यह कह रहे हैं कि वह लॉकडाउन की फीस देना ही नहीं चाहते है।
पेरेंट्स की शिकायत ऑनलाइन क्लासेज में पिछले साल के काम की फोटो भेजी जा रही
पेरेंट्स को स्कूल से शिकायत है कि ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर पुराने काम की फोटो भेज रहे है टीचर्स। यह फोटोज वह रही जो पिछले साल किसी स्टूडेंट ने काम किया होगा उसे फोटो खिंचकर भेज दिया क्योंकि बुक्स वही रहती हैं इसलिए वही मैटर हमें भेज दिया गया। टीचर्स की तरफ से कोई खास एफर्ट नहीं किया जा रहा है।