चण्डीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा जुलाई में फाइनल ईयर की परीक्षा लेने का फैसला लिया गया है। इसके लिए PU ने पूरी तैयारी कर है लेकिन छात्रों द्वारा PU के इस फैसला पर विरोध जताया गया है।
छात्रों ने ना सिर्फ विरोध ही जताया बल्कि शुक्रवार को छात्रों ने जुलाई में होने वाली परीक्षा के विरोध में पीयू और कॉलेजों के NSUI सदस्यों ने हल्लाबोल दिया है। छात्रों ने इक्ट्ठे होकर वीसी प्रो. राजकुमार के ऑफिस के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
छात्रों की मांग की जुलाई में परीक्षा का फैसला वापिस लिया जाए
PU और कॉलेजों के NSUI सदस्यों की मांग है कि जुलाई में परीक्षा लेने के फैसले को वापिस लिया जाए। उनका कहना है कि इस समय पूरे भारत में कोरोना संक्रमण रूकने का नाम नहीं लें रहा है बल्कि हर दिन मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
ऐसे में परीक्षा देना छात्रों के नुकसानदायक साबित हो सकता है क्योंकि PU में केवल चण्डीगढ़ के छात्र ही नहीं पड़ते हैं बल्कि दूर-दूर के राज्यों से छात्र यहां पढ़ने आते हैं। जिनमें राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेशए जेएंडके, नॉर्थ-ईस्ट, यूपी, लेह-लद्दाख जैसे राज्या शामिल है।
इस समय ऑफलाइन परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को दूसरे राज्य से आना होगा। इससे कोरोना संक्रमण के फैलाव की संभावना बढ़ जाएगी।
ट्विटर पर हैशटैग चला किया विरोध
PU व NSUI अध्यक्ष निखिल नरमेटा ने बताया कि कॉलेजों के छात्र नेताओं के साथ मिलकर शुक्रवार को वीसी प्रो.राजकुमार को परीक्षा नहीं करवाने को लेकर ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही NSUI की तरफ से पीयू प्रशासन को परीक्षा से संबंधित सुझाव भी दिए गए हैं। जुलाई में परीक्षाओं का विद्यार्थियों ने ट्विटर पर हैशटैग चला किया विरोध।
हाॅस्टल बने क्वारटाइन सेंटर तो कहां रहेंगे छात्र
PU ने अपने हॉस्टल भी चंडीगढ़ प्रशासन को क्वारंटीन सेंटर बनाने के लिए दे रखे हैं। जहां कोरोना संदिग्धों को क्वारंटीन किया जा रहा है। ऐसे में PU विद्यार्थियों को कैंपस में बुलाकर उनके रहने की व्यवस्था कहां करवाएगा।