चण्डीगढ़। मनीमाजरा थाने की पूर्व SHO जसविंदर कौर पर 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने आरोप है लेकिन पुलिस अभी तक गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो पाई है।जिसके बाद CBI ने जसविंदर कौर के खिलाफ सख्त कार्रवाही करते हुए गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है।
गुरुवार को CBI के सरकारी वकील केपी सिंह ने जसविंदर कौर के खिलाफ नॉन बेलेबल वॉरेंट जारी करने के लिए कोर्ट में एप्लीकेशन दी थी। CBI ने कहा कि जसविंदर कौर जानबूझकर CBI के सामने नहीं आ रही है। CBI अब उस पर IPC की धारा 467 भी जोड़ सकती है। आईपीसी 467 के मुताबिक 10 साल की सजा भी हो सकती है।
क्योकि सने झूठे सबूत तैयार करने की भी कोशिश की है। उसने थाने की DDR में झूठी एंट्री दिखाई कि वह इन्वेस्टिगेशन जॉइन करने के लिए मनीमाजरा से CBI ऑफिस जा रही है। ऐसी ही झूठी एंट्री उसने वापसी की भी दर्ज की है।
जाने क्या है मामला?
मनीमाजरा की पूर्व SHO जसविंदर कौर पर 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का अरोप है। 29 जून को भगवान सिंह नाम के व्यक्ति को रिश्वत की रक्म लेने हुए CBI द्वारा रंगे हाथों पकड़ा गया था। भगवान सिंह जिस समय रंगे हाथों पकड़ा गया उस समय वह दूसरी किस्त के रूप में 1 लाख रुपये ले रहा था। भगवान सिंह ने ब्यान में बताया कि ऐसा करने के लिए उसे जसविंदर कौर के ने कहा था। यानि वह रिश्वत जसविंदर कौर द्वारा ली जा रही थी।
आरोपी भगवान सिंह ने जसविंदर कौर को उसके ऑफिशियल और निजी नंबर पर फोन किया था लेकिन जसविंदर कौर ने कोई उत्तर नहीं दिया। कुछ देर बाद भगवान सिंह की जसविंदर कौर के साथ बात हुई, जिसके बाद भगवान सिंह ने जसविंदर को 3 लाख रुपये के बारे में जानकारी दी थी। भगवान सिंह ने जसविंदर को यह भी बताया था कि गुरदीप सिंह ने दो लाख रुपये पहले दे दिए थे। इसके बाद जसविंदर कौर ने कहा था कि ठीक है।
दोनों के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग और मनीमाजरा थाने की CCTV फुटेज CBI ने अदालत को सौंप दी थी। मामले में और खुलासे करने के लिए CBI ने आरोपी भगवान सिंह का 8 दिन का रिमांड भी भी लिया था। CBI ने कहा कि 30 जून को SHO को फोन कर जांच में शामिल होने के लिए सेक्टर- 30 CBI कार्यालय बुलाया गया।
जब पुलिस छापा मारने जसविंदर कौर के घर पहुंची तो वह वहां से गायब थी। जसविंदर कौर अभी तक फरार है।