पंचकूला। जिले में कोरोना के नए मामले मिलने की रफ्तार बढ़ती ही जा रही है। जिससे कोरोना वायरस फैलने का खतरा भी बढ़ गया है, लेकिन बावजूद इसके स्थानीय लोगों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है।
शाम होते ही पंचकूला की मार्केट में लोगों की भीड़ इकट्ठी हो जाती है। बहुत से लोग मार्केट में बिना मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग के घूमते नजर आते है। मार्केट में लगने वाली रेहडिय़ों से सब्जी व फल आदि लेने के लिए लोगों रेहड़ी के चारों तरफ जमा हो जाते है।
इतना ही नहीं प्रशासन के मना करने के बावजूद पंचकूला की मार्केट में फूड स्टॉल लगने शुरू हो गए, अधिकतर लोग बिना किसी सेफ्टी के ही मार्केट में सब्जी, फल व फूड स्टॉल की रेहडिय़ां लगाकर बैठे है। साथ ही इनमें सामान खरीदने वाले लोग भी बिना मास्क के भीड़ में घूमते नजर आते है।
मार्केट के आसपास रहने वाले लोगों ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस रफ्तार से कोरोना के मामले बढ़ रहे है। यदि मार्केट सख्ती नहीं बरती गई तो चंद लोगों की वजह से पंचकूला बुरी तरह से कोरोना की चपेट में आ सकता है। प्रशासनिक अधिकारियों को इस पर पूरा ध्यान देना चाहिए और अगर कोई भी इन नियमों का पालन नहीं कर रहा तो उन पर कार्रवाई भी करनी चाहिए।
पंचकूला में एनक्रोचमेंट बढ़ता ही जा रहा है, प्रशासन नहीं कर रहा सुनवाई
शहर में लॉक डाउन के बाद से ही एनक्रोचमेंट करने वालों ने अवैध रूप से सडक़ों व बाजारों में कब्जा किया हुआ है। प्रशासन इनको उठाने के लिए 1-2 घंटा ड्राइव चलाकर निकल जाता है। जिसमें से कुछ तो पूर्व में जानकारी मिलते ही मौके से फरार हो जाते हैं
सेक्टर-7 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान तरसेम गर्ग का कहना है कि यहां पर मार्किट में हर रोज़ 30 से 40 रेहड़ी फड़ी वाले खड़े रहते है, जिस कारण यहाँ हर रोज़ सब्जी व फल लेने व खरीदने वालों कि भीड़ लगी रहती है। प्रशासन द्वारा इसको लेकर अभी तक कोई खास कदम नहीं उठाया गया है और न ही हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम चेकिंग कर रही है।
सेक्टर-20 के लोगों की भी यही शिकायत है की उनके घरों के आसपास सडकों के किनारों पर शाम के समय रेहड़ी फड़ी वालों का ही कब्ज़ा रहता है। जिससे शाम के समय घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि जहां पर रेहड़ियां लग रही है, उससे महज कुछ ही दूरी पर सेक्टर-20 का पुलिस स्टेशन भी है, लेकिन पुलिस की ओर से बिना मास्क और हैंड ग्लब्ज के सामान बेचने वालों पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही।
जिस समय ‘एनक्रोचमेंट हटाओ दस्ता’ सेक्टरों में पहुंचता है उस समय ये अतिक्रमणकारी अंदर गलियों में अपनी रेहड़ी खड़ी कर देते हैं। जबकि कर्मचारी इन्हें मूकदर्शक बने देखते रहते हैं। जब रेजीडेंट्स इन लोगों को रेहड़ी खड़ी करने से मना करते हैं तो ये लोग इकट्ठे होकर उनसे झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं।
अब रेजीडेंट्स का कहना है कि वे प्रशासन को पूर्व में कई बार इस संबंध में अवगत करा चुके हैं मगर छुटपुट कार्यवाही के अलावा कुछ नहीं होता। रेजीडेंट्स का कहना है कि जब सम्बंधित विभाग कोई सुनवाई नहीं कर रहा है तो ऐसे में अब आंदोलन के सिवाय उनके पास कोई रास्ता नहीं बचता है।