चण्डीगढ़। शहर में पिछले कुछ दिनों से हर तरफ कोरोना के मामले तेज गति से बढ़ रहे है। जिससे लोगों के लिए खतरा बहुत बढ़ गया है। यही नहीं अब शहर के बड़े संस्थानों से भी कोरोना पॉजिटिव मरीज पाने जाने की खबरे सामनें आ रही है।
साथ ही मेडिकल स्टाफ भी इसकी चपेट में आना शुरू हो गया है। यदि इसी तरह शहर में लोग कोरोना की चपेट में आते रहे तो शहर में यह महामारी के कारण भारी नुक्सान उठाना पड़ सकता है।
चंडीगढ़ के प्रशासक ने PGI को कहा है कि इस टेस्टिंग को लेकर काम शुरू किया जाए। पहले हेल्थ केयर वर्कर्स को लेकर सीरो टेस्टिंग होगी। PGI खुद असेसमेंट करने के बाद शहर के उन हॉट स्पॉट में ये टेस्ट होंगे, जहां पर ज्यादा केस आए थे या आ रहे हैं।
टेस्ट की खास बात ये है कि इससे उन लोगों का भी पता चल जाएगा, जिन्हें कोरोना वायरस हुआ था, लेकिन उनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखे। सेरो टेस्टिंग में लोगों के एक ग्रुप के ब्लड सीरम को एकत्र कर उसे अलग-अलग लेवल पर मॉनीटर किया जाता है।
इससे उन लोगों का भी पता लगाया जा सकेगा, जिन्हें पहले कोरोना वायरस हुआ था, लेकिन उनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखे। टेस्ट बीमारी के 5-7 दिन बाद ही करना सही होता है, क्योंकि उसके बाद ही एंटीबॉडी बनना शुरू होती है।