MC ने बढ़ाया रेहड़ी मार्केट का किराया, 14 रुपये की जगह देने होंगे 20,600 रुपयें
चण्डीगढ़। सेक्टर-23 की रेहड़ी मार्केट चण्डीगढ़ की सबसे पुरानी मार्केट है। इस मार्केट को 1971 में अलॉट किया गया था। इस्टेट डिपार्टमेंट ने यह बूथ अलॉट किए थे, लेकिन 2004 में यह प्रॉपर्टी नगर निगम को ट्रांसफर हुई थी । तब से लेकर अब तक नगर निगम ने कभी भी इस मार्केट का किराया नहीं बढ़ाया है।
सेक्टर-23 में बनी ये मार्केट पिछले कई सालों से केवल 14 रुपये किराया ही भर रही है लेकिन अब नगर निगम द्वारा इस मार्केट का किराया बढ़ा दिया गया है। नगर निगम ने इस मार्केट का किराया सीधे ही हजार गुना बढ़ा दिया है।
यानि अब मार्केट में बने बूथ मालिकों को अपनी दुकान का किराया 14 रुपये नहीं बल्कि सीधे 17 हजार रुपये भरना होगा। साथ ही इस पर 18 फिसदी GST भी लगाई जाएगी। जिसके अनुसार 3060 रुपये GST के देने होंगे। यानि बूथ का कुल किराया 20 हजार 600 रुपये होगा। रेहड़ी मार्केट का किराया बढ़ाने का प्रस्ताव सोमवार को नगर निगम की फाइनेंस एवं कॉन्ट्रैक्ट समिति ने पास कर दिया है।
लाइसेंस फीस देरी से जमा करवाने पर लगेगा जुर्माना
लाइसेंस फीस देरी से जमा करवाने पर प्रतिदिन के हिसाब से 50 से 100 रुपये का जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव पास किया गया है। यह भी प्रस्ताव पास किया गया है कि हर तीन साल बाद लाइसेंस फीस और रेंट रिवाइज किया जाएगा। इसके साथ ही हर तीन साल बाद लाइसेंस फीस और रेंट रिवाइज किया जाएगा।
हर दुकानदार से 500 रुपये लाइसेंस फीस चार्ज होगी किराये के साथ-साथ यह भी प्रस्ताव पास किया गया है कि हर दुकानदार से प्रति साल 500 रुपये के हिसाब से लाइसेंस फीस भी चार्ज की जाएगी। यह भी फैसला लिया गया है कि अगर कोई पांच माह तक किराया नहीं देगा, उसका बूथ कैंसिल कर दिया जाएगा।
अगले माह की अनुबंध कमेटी की बैठक में प्रस्ताव पास करने के बाद इस फैसले को लागू कर दिया जाएगा। सेक्टर-23 मार्केट में इस समय कुल 48 बूथ है। शहर की मार्केट वेल्यू के हिसाब से ही इन दुकानों का किराया बढ़ाया गया है।
दुकानदारों ने फैसले पर जताई आपत्ति
इस समय रेहड़ी मार्केट में जो दुकानदार अपनी दुकान चला रहे, उन्होंने नगर निगम के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि नगर निगम को इस तरह से एक दम से हजारों रुपए नहीं बढ़ाने चाहिए थे। नगर निगम को इस तरह अचानक किराया बढ़ाने से पहले एक बार सेक्टर-23 रेहड़ी मार्केट में आकर यहां के दुकानदारों की स्थिति जांच लेनी चाहिए थी।
दुकानदारों को कहना है कि यहां कई दुकानदार ऐसे है, जिनकी महीने की कमाई 17 हजार रुपए तक भी नहीं हो पाती है। ऐसे में वह 20 हजारा रुपए किराया कहां से देंगे। खासतौर पर इस लॉकडाउन की स्थिति में दुकानदारों का हजारों रुपए किराया निकाल पाना बहुत मुश्किल है।