चण्डीगढ़। कोरोना महामारी के कारण चण्डीगढ़ के हालात बिगड़ते ही जा रहे है। जिस कारण प्रशासन की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। हालांकि कोरोना को काबू करने व शहरवासियों को इस महामारी की चपेट में आने से बचाने के लिए यूटी प्रशासन द्वारा कई तरह से सख्त कदम उठाए जा रहे है। परंतु प्रशासन द्वारा लिए गए अब तक के किसी भी फैसले में सफलता हासिल नहीं हो सकी है। कोरोना पर काबू पाने के लिए अब प्रशासन को युद्ध स्तर पर कदम उठाने होंगे।
चण्डीगढ़ की डेली ग्रोथ रेट 5.1 फीसदी है। जिन प्रदेशों में अब तक 10 हजार से कम मरीज है, उनमें मरने वालों की संख्या चण्डीगढ़ में सबसे ज्यादा दर्ज की गई है। जिस कारण चण्डीगढ़ कोरोना से मरने वालों की संख्या में टॉप पर आ गया है।
चण्डीगढ़ में अब तक 4 हजार से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। जिनमें से 57 लोगों की मौत हो चुकी है। 10 हजार से कम पॉजिटिव मरीजों की संख्या में दूसरे नंबर पर अंडमान निकोबार है, जहां कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या 46 है। तीसरे नंबर पर हिमाचल प्रदेश में जहां मरीजों की संख्या 6,116 तक पहुंच चुकी है, वहीं अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है। लाद्दख में अब तक 2,681 कोरोना पॉजिटिव मरीज है जबकि 34 मरीजों की मौत हो चुकी है।
मणिपुर में मरीजों की संख्या 6,252 है, जबकि 28 लोगों की मौत हो चुकी है। छठे नंबर पर मेघालय हैं, जहां पॉजिटिव मरीजों की संख्या 2,368 जबकि वहां अब तक सिर्फ 10 मौतें हुई है। सबसे कम मरने वालों की संख्या में नागालैंड है जहां अब तक 3,950 पॉटिजिव मरीजों की पुष्टि हुई है, जबकि अब तक सिर्फ 9 लोगों की मौत हुई है।
यानि कोरोना के कारण अब तक सबसे ज्यादा मौतें चण्डीगढ़ में दर्ज की गई है। कोरोना पर काबू करने और शहरवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए यूटी प्रशासन को और अधिक सख्ती बरतने की जरूरत है।
चंडीगढ़ में प्रति मिलियन 600 से 700 टेस्ट हो रहे हैं। चंडीगढ़ में अभी दूसरे शहरों के मुकाबले टेस्टिंग कम हो रही है। चंडीगढ़ का पॉजिटिविटी रेट भी ज्यादा दर्ज किया जा रहा है। ज्यादा टेस्ट और जल्दी कांटेक्ट ट्रेसिंग से मरीजों का पता जल्दी चलेगा। इससे उन्हें जल्दी आइसोलेट किया जा सकेगा और संक्रमण को रोका जा सकता है। दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि गंभीर मरीज अस्पताल में देरी से दाखिल हो रहे हैं।
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