जीरकपुर के गांव श्ताब गढ़ में एक 52 वर्षीय व्यक्ति ने खुदकुशी कर ली। श्याम सिंह नामक इस व्यक्ति के पास से मिले सुसाइड नोट में व्यक्ति ने गांव की महिला सरपंच सहित कुल छह लोगों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
आरोप है श्याम सिंह के परिवार के साथ गली को लेकर हुए एक झगड़े में समझोता करवाने बैठी पंचायत में श्याम सिंह को इस कदर बे इज्जत किया गया कि उसने सदमे में आकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज तो कर लिया है मगर अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई जिसकी वजह से परिवार सियासत का दबाव होने का आरोप भी लगा रहा है।
जानकारी के अनुसार झगड़े की शुरुआत गांव की फिरनी बनाने को लेकर हुई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि गांव की महिला सरपंच ओर अन्य कई लोगों ने फिरनी के साथ लगती उनकी जमीन को नाजायज तौर पर फिरनी में शामिल करने की कोशिश की। पीड़ित परिवार ने इसका विरोध किया जिसकी वजह से झगड़ा हुआ ओर इसमें महिला सरपंच ने श्याम सिंह बदसलूकी करने का आरोप लगाया और पुुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी।
पीड़ित परिवार के अनुसार महिला सरपंच द्वारा शायम सिंह पर लगाए बदसलूकी के आरोप वाले झगड़े का निपटारा करने के लिए श्याम सिंह ने समझोता करने की कोशिश में महिला सरपंच से माफी भी मांगी और अपनी पगड़ी उनके पैरों में रखी जिसको ठोकर मार कर श्याम सिंह को बे इज्जत किया गया। परिवार का आरोप है लेकिन इससे आहत होकर श्याम सिंह ने खुदकुशी करली।
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परिवार ने यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने फिरनी में उनकी जगह पर कब्ज़ा करने की शिकायत 24 अगस्त को भी पुलिस को दी थी मगर पुुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। परिवार के अनुसार खुदकुशी करने के बाद भी पीड़ित परिवार की शिकायत पर पुलिस कोई कारवाई नहीं कर रही ओर इसके पीछे सियासी दबाव है।
उधर हमने गांव की सरपंच उषा देवी से भी संपर्क करने की कोशिश की मगर परिवार ने बताया कि सरपंच रात से बाहर गई हुई हैं।
पुुलिस को परिवार ने महिला सरपंच, उसके पति, पूर्व सरपंच सहित कुल छह लोगों के खिलाफ शिकायत दी है। हालांकि पुुलिस अधिकारी के पुुलिस बाहर होने की वजह से उनसे संपर्क नहीं हो सका।
बहरहाल इस घटना ने सियासी दबाव होने के आरोप लगाकर प्रदेश में सियासत को भी हवा दे दी है मगर देखना होगा कि पुलिस मामले की निस्पक्ष जांच कर पाएगी और कब तक ।