तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सरकार द्वारा कोरोना टैस्ट की कीमत को कम करने का निर्णय लिया गया है। जिससे समय रहते मरीजों को टेस्ट व इलाज संभव किया जा सके।
अब हर प्राईवेट हॉस्पिटल, क्लीनिक व लैब्स को भी कोविड-19 का रैपिड एंटीजेन टैस्ट करने की परमिशन दे दी है। पहले सिर्फ उन्हीं अस्पतालों को रैपिड एंटीजेन टैस्ट(RAT) करने की इजाजत थी, जिन्हें ICMR से अनुमति मिली हो। लेकिन कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढऩे पर सभी हॉस्पिटल, क्लीनिक व लैब्स को इसकी परमिशन दे दी है। लेकिन अब डीसी और सिविल सर्जन भी अनुमति लेकर रैपिड एंटीजेन टेस्ट शुरू किए जा सकेंगे।
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साथ ही सरकार द्वारा इसके लिए टैस्ट कराने की कीमत भी निर्धारित कर दी गई है। जिसके अनुसार किसी भी प्राईवेट हॉस्पिटल, क्लीनिक व लैब में टैस्ट कराने की फीस सिर्फ 250 रुपये ही वसूल की जाएगी। हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा इन सभी प्राईवेट हॉस्पिटल्स, क्लीनिक्स व लैब्स को कीट मुहैया करवाई जाएगी लेकिन यदि कभी उन्हें अपनी तरफ से कीट लगानी पड़ेगी तो मरीजों से 700 रुपये तक वसूल किए जा सकतें हैं।
दिशा-निर्देशों के ध्यान में रखते हुए बरते पूरी सावधानी
सरकार द्वारा इन सभी प्राइवेट हॉस्पिटल, क्लीनिक व लैबों को रैपिड एंटीजेन टैस्ट की इजाजत देने के साथ-साथ पूरी सुरक्षा बरतने के आदेश भी दिए गए हैं। संदिग्धों के टैस्ट करने वाले क्षेत्र पूरी तरह से आइसोलेट होना चाहिए। वहां अन्य मरीज व स्टाफ नहीं आने-जाने चाहिए।
टैस्ट लेटे समय पीपीई किट पहनना अनिवार्य है। प्रमाणित निजी अस्पतालों व क्लीनिकों के भेजे नमूनों की सरकारी लैबों में मुफ्त जांच होगी। निजी अस्पताल एवं लैब को स्वास्थ्य विभाग मुफ्त किट मुहैया कराएगा।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए लॉग-इन आईडी का प्रयोग कर आरएटी के नतीजे ICMR पोर्टल में एंटर किए जाते हैं। जो पॉजिटिव और निगेटिव पाए गए हैं, उनके NP एवं OP स्वैब को VTM में एकत्रित करके कोविड-19 टेस्ट की जांच के लिए रियल टाइम RT-PCR प्रयोगशाला को भेजा जाना चाहिए।