चण्डीगढ़। पिछले 4 महीनों में चण्डीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने ओवरस्पीड वाहन चलाने पर 16,215 चालान किए गए हैं। जो कि पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुना है। पिछले एक साल में कुल 8,813 चालान किए गए थे।
ये चालान ANPR सिस्टम द्वारा किए गए है। ANPR सिस्टम यानि कि ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन जिसे ऑटोमैटिक स्पीड गन भी कहा जाता है। इस स्पीड गन से काफी दूरी से आ रहे वाहनों के ओवरस्पीड होने पर ऑटोमैटिक तरीके से नंबर प्लेट की फोटो खीच जाती है।
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चण्डीगढ़ ट्रैफिक को इस स्पीड गन से काफी सुविधा मिली है। साथ ही शहर में नियमों का उल्लंघन करने वालों तथा बच के निकल जाने वालों को इस स्पीड गन की सहायता से ओवरस्पीड वाहन पकड़ने में काफी सहायता मिली है।
इस स्पीड गन की सहायता से शहर में नियमों का उल्लंघन करने वाले हजारों लोगों के ई-चालाने काटे गए है। खास बात यह है कि इस तरह की स्पीड गन की सहायता से पुलिस को नाके लगाकर वाहन चालकों ने चालान करने की आवश्यकता नहीं रही है बल्कि इस स्पीड गन से चालान कटने पर ई-चालान पर्ची उल्लंघनकर्ता के डाक पते पर पहुंचा दी जाती है।
केवल 4 महीनेे में कटे 16,215 चालान
चण्डीगढ़ में ट्रैफिक नियमों को काबू करने के लिए इस साल तीन ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) यानि स्पीड गन ट्रैफिक पुलिस को सौंपी गई थी। इस स्पीड गन की खास बात ये है कि इसमें खास तरह का सेंसर व कैमरा लगाया गया हैं। जो की दिन ही नहीं रात में भी ओवरस्पीड में चल रहे वाहनों की तस्वीर लेने में सक्षम है।
स्पीड गन के इस्तेमाल के बाद से केवल 4 महीनों में ही दोगुने वाहनों के ई-चालान किए गए है। मई के महीने में लाॅकडाउन के बावजूद शहर में 3,292 ई-चालान किए गए थे, वहीं जून में 7,528 जारी किए गए थेए जुलाई में 2,993 और अगस्त में 2,402 ई-चालान जारी किए गए।
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले इन सभी उल्लंघनकर्ताओं को पुलिस द्वारा एसएमएस भेजा गया साथ उनके डाक पते पर चालान की पर्ची भेजी गई है। फोर लेन वाली सड़कों पर अधिकतम गति चार पहिया वाहनों के लिए 50 किमी प्रति घंटा और दोपहिया वाहनों के लिए 45 किमी प्रति घंटा है। छह लेन वाली सड़कों पर गति सीमा चार पहिया वाहनों के लिए 60 किमी प्रति घंटा और दोपहिया वाहनों के लिए 45 किमी प्रति घंटा है।