कोरोना वायरस महामारी जिसकी चपेट में इस समय पूरी दुनिया आ चुकी है। पूरी दुनिया भर में कोरोना के कारण अब तक कोरोड़ों की संख्या में लोग संक्रमित हो चुके है। लाखों की संख्या में लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं अभी तक इस महामारी से निजात पाने के लिए तमाम कोशिशों के बाद भी कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है।
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ये वायरस चीन के वुहान शहर में सबसे पहले फैला था। जिसके बाद कुछ ही महीनों में ये पूरी दुनिया में फैल गया। लेकिन चीन इस कोरोना वायरस के लिए अभी तक खुद को जिम्मेवार मामने को तैयार नहीं है।
अब चीन की एक डॉक्टर ने दावा किया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर में सरकार द्वारा नियंत्रित की जाने वाली एक लैब में बनाया गया है। चीन सरकार को इस तरह के वायरस की पहले से ही जानकारी थी। फिर भी उन्होंनें दुनिया से इस सच्चाई से छुपाकर रखा।
चीन से खतरा महसूस होने पर US में छिप कर रह रही डॉ यान
चीन की यह डॉक्टर ली मेंग यान एक साइंटिस्ट है। वह वायरोलॉजिस्ट है। वह यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग-कॉन्ग, स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से जुड़ी है। डॉ. यान ने दुनिया की हालत को देखने के बाद अब अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अपने ही देश चीन के खिलाफ आवाज उठाई है।
डॉ. यान ने दावा किया कि उनके पास सबूत है कि कोरोना वायरस जान बुझकर बनाया गया था। इसे चीन के वुहान शहर के एक सरकारी लैब में बनाया गया था। इस लैब पर पूरी तरह से चीन सरकार का ही नियंत्रण है।
डॉ. यान इस समय US की एक सीक्रेट जगह पर है क्योंकि चीन के खिलाफ इतनी बड़ी स्टेटमेंट देने के बाद उन्हें चीन से खतरा महसूस हो रहा था। जिसके बाद अपनी सुरक्षा के लिए US में आ गई। जहां वह एक सीक्रेट जगह पर रह रही है। वहीं से ही उन्होंने लूस विम को इंटरव्यू में यह सारी जानकारी दी।
जल्द ही पेश करेंगी सबूत
डॉ. यान ने कहा उनके पास चीन के खिलाफ सबूत है। वह जल्द ही दुनिया के सामने चीन के खिलाफ ये सारे सबूत पेश करने वाली है। उन्होंने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने दुनिया भर के कुछ साइंटिस्ट के साथ मिलकर इस पर डिटेल निकाली है जो वे जल्द ही दुनिया के सामने लाएंगी। जिसके वह दो हिस्सों में रिपोर्ट बनाकर पेश करेंगी। जिसके चीन के खिलाऊफ सारे सबूत भी साथ में ही पेश करेंगी।
डॉ. यान ने कोरोना वायरस के फैलने के अब तक के सभी कारणों को अफवाह कहा उन्होंने कहा कि “ये वायरस प्रकृति से उत्पन्न नहीं हुआ है। ये चाइना मिलिट्री इंस्टीट्यूट पर आधारित है, जिसने CC45 और्र ZXC41 नाम के कोरोना वायरस की खोज की स्वामित्व पाया। इसके आधार पर, प्रयोगशाला संशोधन के बाद नोवेल वायरस बना। मेरे पास सबूत भी हैं। यही सच है और बाकी सारी चीज़ें कवर्ड हैं। ये वायरस लैब से ही आया है। लैब वुहान में है और इसे चीन की सरकार कंट्रोल करती है।”
उन्होंने बताया कि ” जीनोम सीक्वेंस इंसानों के फिंगरप्रिंट्स की तरह होता है। इसके आधार पर, आप चीज़ों की पहचान कर सकते हैं। तो मैंने सार्स-CoV-2 के जीनोम सीक्वेंस में मौजूद सबूतों का इस्तेमाल किया है, लोगों को ये बताने के लिए कि ये चीन के लैब से कैसे आया।”