चंडीगढ़। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से बुधवार को आदेश जारी करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जो लोग संक्रमण के चलते आइसोलट किए गए हैं उनकी नियमित रूप से आनलाइन जांच की जाए। अगर किसी को मेडिकल मदद की जरूरत है तो उसे तुरंत उसके घर में प्रदान की जाए।
वहीं शहर में पंजाब सरकार की तर्ज पर अब कोविड मरीजों के घरों के बाहर लगने वाले पोस्टरों को नहीं लगाया जाएगा और न ही क्वारंटीन किये गए लोगों के हाथों पर किसी प्रकार की कोई स्टैंप लगाई जाएगी। ऐसा करने से कवारेंटाइन किए गए मरीजों से लोगों से दूरी बनाने से उनमें तनाव पैदा होने की बात सामने आ रही थी।
इस पर प्रशासक ने कोविड वार रुम में बुधवार को इन नियमों को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासक ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वह पुलिस एवं मीडिया के लोगों के लिए स्पैशल स्क्रीनिंग कैंप लगाकर उनके टैस्ट किए जाएं ताकि इन लोगों में संक्रमण का पता लगाया जा सके।
इन लोगों के टैस्ट आन द स्पाट किए जाएं। वहीं प्रशासक ने पीजीआई के निदेशक प्रो. जगत राम को निर्देश दिए कि वह संस्थान में एंटीजेन टैस्ट केवल संदिग्ध मरीजों पर करें। इसके अलावा पीजीआई को इंफोसिस सराए को कोविड अस्पताल में परिवर्तित कर वहां 200 और मरीजों के लिए बैड लगाने को कहा है। वहीं प्रशासक ने पीजीआई व जीएमसीएच के निदेशकों को कहा कि वह हल्के कोविड संक्रमण से ग्रस्त एवं घर में आइसोलेट हुए डायलिसिस के मरीजों को डायलिसिस की सुविधा प्रदान करें।
एडवाइजर मनोज परिदा ने कहा कि गत दिवस केंद्रीय गृह सचिव के साथ हुई बैठक में प्रशासन की ओर से कोविड के मरीजों की टैस्टिंग को 4 गुणा बढ़ाने पर प्रशंसा की गई। नॉन कोविड केसों को भी मेडिकल उपचार को प्राथमिकता दी जा रही है। पीजीआई के निदेशक प्रो. जगत राम ने बताया कि उनके कोविड केयर सेंटर में वर्तमान में 295 क्रिटिकल पेशेंटों में से 69 चंडीगढ़, 70 पंजाब, 32 हरियाणा और 17 हिमाचल के हैं जिनका इलाज चल रहा है।