- पटाखों से होने वाले पोल्यूशन को लेकर पीजीआई और एनजीटी की चेतावनी, नहीं मानें तो होंगे गंभीर परिणाम
पीजीआई चंडीगढ़ ने ट्राईसिटी के लोगों को फिर चेताया है कि अगर इस बार त्यौहार के मौके पर पटाखें चलाए गए तो सिटी में पोल्यूशन बढ़ जाएगा और एयर में पोल्यूशन बढऩे से कोरोना वायरस के इंफेक्शन से पेशेंट्स की तदाद बढ़ जाएगा।
इटली और अमेरिका की तरह ट्राईसिटी में एक बार फिर से कोविड का ग्राफ टॉप पर जा सकता है। पीजीआई चंडीगढ़ के डायरेक्टर प्रोफेसर जगत राम ने चिंता जाहिर करते हुए ट्राईसिटी के लोगों से अपील की है कि इस बार वे ग्रीन दिवाली मनाएं। उन्होंने बुजुर्गों, बच्चों के साथ एस्थमा, हार्ट पेशेंटस और अन्य बीमारियों से जूझ रहे पेशेंट्स को पोल्शून से बचने की अपील की है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की चेतावनी
गौर हो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) भी पोल्यूशन के बढऩे के खतरे से यूटी एडमिनीस्ट्रेशन को अगाह कर रहा हैं। वहीं पंजाब और हरियाणा में किसानों ने पराली के धुएं से माहौल को ओर भी बिगाड़ दिया हैं।
पोल्यूशन के मामले को लेकर दिल्ली में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने बुधवार को पटाखे जलाने से पोल्यूशन के मामलों की सुनवाई करते हुए 18 स्टेट्स और यूटी एडमिनीस्टे्रशन को सूचना जारी की गई हैं। जिनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में भी एयर क्वालिटी का लेवल ठीक नहीं है।
ओडिशा और राजस्थान में क्रेक्रस बैन
एनजीटी चेयर मेन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने पहले दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को नोटिस जारी कर पोल्यूशन के इंतजामों के बारे में पुछ चुकी है। वहीं, ओडिशा और राजस्थान की सरकारों ने तो पटाखों की खरीद-फरोख्त पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की सूचना जारी कर दी हैं। ट्रिब्यूनल ने साफ कहा हैं कि एयर क्वालिटी अगर बेहतर नहीं है, तो वे ओडिशा और राजस्थान सरकार की तरह कदम उठाने पर विचार कर सकते हैं।’