- चालान काटने के इलावा इन पर भी ध्यान दे चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस
चंडीगढ़ के ट्रैफिक प्वाईंट पर गाडिय़ों के आगे आकर पैसे मांगने वाले अपाहिज और लाचार बच्चों को देखकर अकसर मन कटोचता है। आखिर क्यों यह बच्चें और महिलाएं भीख मांगने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर गाडियों के ठीक सामने आकर हाथ फैलाते हैं।
ट्रांसपोर्ट चौक पर गाडिय़ों के आगे आकर पैसे मांगने वालों को अक्सर देखा जा सकता है। यहां भिखारी रेड लाइट होते ही गाडिय़ों के बीच आकर वाहनों के शीशों पर हाथ मारकर पैसे मांगता है जो विकलांग है और सड़क पर रेंग-रेंग कर चलता है। ग्रीन लाइट होने पर यह एकदम यहां से हट भी नहीं पाता है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
मूकदर्शक बने देखती रहती है ट्रैफिक पुलिस
वहीं ट्रैफिक पुलिस इन्हें देखकर भी अनजान बनकर सिर्फ गाडिय़ों के चालान काटने में मगन रहती है। जबकि पास ही यह बच्चे कभी भी किसी गाड़ी से दुघर्टना का शिकार हो सकते है। गौर हो कि मई महीने में सेक्टर 46 मार्केट की पार्किग में एक मांगने वाले की बस के नीचे आने से मौत हो गई थी। कहा जाता है कि चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस पूरी तरह मुस्तैद रहती है, मगर यहां पर ऐसा कुछ नजर नहीं आता।
पंचकूला समाचार ने इस रोड पर गुजरने वाले कई लोगों से बात की तो पता चला की यहां मांगने वाले आसपास की बस्तियों में रहते है। सारा दिन यहां ट्रैफिक सिंगनल पर रूकी गाडिय़ों को देखकर मांगने की नियत से आ जाते है। कभी-कभी तो गंभीर दुर्घटना की अनहोनी का शिकार भी बन जाते है। उन्होनें प्रशासन से अपील कि हैं कि इससे पहले इनके साथ कोई बड़ा हादसा हो, प्रशासन को इन पर संज्ञान लेना चाहिए और इस तरह भीख मांगने वालों पर अंकुश लगाया जाएं। घायल और लाचार बच्चों को किसी चेरिटेएबल संस्था के हवाले सौंपा जाएं।