- मनीमाजरा स्ट्रीट वैंडर्स (Manimajra street vendors)फीस भरने के बाद भी खाली हाथ, नहीं कर पा रहें कारोबार
नगर निगम की वर्किग स्टाइल मनीमाजरा (Manimajra) में अलग तरह का ही है। यहां लाइसेंस स्ट्रीट वेंडर वालों को भी रेहड़ी-फड़ी तक नहीं लगाने दी जा रही हैं। जबकि यह लोग हर महीने 2000 रुपये फीस नगर निगम को जमा करवाते हैं। दूसरी तरफ बिना लाइसेंस वाले सैकड़ों लोग मनीमाजरा की अंदरूनी सडक़ों पर धडल्ले से फडिय़ां लगाकर कारोबार कर रहे हैं।
यही नहीं, मोटर मार्केट की सडक़ों पर और फुटपाथों पर गाडिय़ां खड़ी करके मैकेनिक भी अपना कारोबार चला कर रहे हैं। सोमवार को नगर निगम ने दिखावे के लिए कार्रवाई की, लेकिन टीम के जाते ही अवैध लोग मोटर मार्केट में वैसे ही फिर अपनी गाडिय़ां लगाकर ठीक करने लग पड़े। यही नहीं सोमवार को बस स्टैंड के सामने से जिन स्ट्रीट वेंडर लाइसेंस वाले रेहड़ी-फड़ी वालों को वहां से उठाया गया है, उनके सामने ही करीब दस से ज्यादा लोग सडक़ किनारे फुटपाथ पर अपनी फडिय़ां लगाकर बैठे हैं, पर उन्हें नहीं हटाया और न ही उन पर कार्रवाई की। नगर निगम को या तो वहां से सभी को हटाना चाहिए या फिर वहां पर ही सब को बिठाना चाहिए।
कांग्रेसी नेता मलकीत सिंह मुद्दा उठाएगें
जनता का सवाल उठना लाजिमी है कि इन लोगों पर निगम की खास मेहरबानी क्यों है। इसी सवाल को लेकर कांग्रेसी नेता मलकीत सिंह नगर निगम के कमिश्नर केके यादव से मिलकर 30 लोगों के मेमोरेंडम सौंपेगे। अगर इसका कोई हल नहीं निकाला तो यह मामला फिर वे कोर्ट तक लेकर जाएंगे, क्योंकि गरीब लोगों के साथ इस तरह निगम द्वारा दोहरा व्यवहार करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है।