जीरकपुर-परवाणू ट्रैफिक के लिए बलटाना में के-एरिया चौक (K-Area Chonk) ट्रैफिक एक बड़ी मुसीबत बना है। इस चौक पर हाईवे के ट्रैफिक और जीरकपुर शहर की दो बड़ी आबादी वाले एरिया का ट्रैफिक जाम हो रहा है। जिसमें एक ओर बलटाना की एक लाख से अधिक आबादी तो दूसरी ओर ढकोली, पीरमुच्छल्ला, गाजीपुर का भी ट्रैफिक इसी चौराहे पर रोजाना गुजरता है। आलम यह है कि यहां अब हर रोज जाम से पब्लिक परेशान हो रही है।
हाईवे पर जिन लोगों ने जीरकपुर से पंचकूला, कालका और शिमला तक जाना होता है, उनका भी यहां समय बर्बाद होता है। इसलिए चार साल पहले हाईवे अथॉरिटी ने यहां अंडरपास बनाने के लिए सर्वे किया था। अथॉरिटी चाहती थी कि यहां अंडरपास बने ताकि हाईवे के ट्रैफिक को यहां से निकाला जा सके।
हालांकि, एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रदीप अत्री का कहना है कि के एरिया वाले अंडरपास को लेकर स्थिति अब क्लीयर नहीं है। उन्होंने बताया कि अब एनएचएआई चंडीगढ़-अंबाला हाईवे पर सिंगपुरा चौक पर जाम से राहत दिलाने के लिए प्लानिंग की जा रही है।
लेकिन समस्या ज्यों की त्यों
जीरकपुर-परवाणू फोरलेन हाईवे का ट्रैफिक भी रुककर चलता है। जीरकपुर से पंचकूला की ओर जाने वाले ट्रैफिक की लंबी लाइन लग जाती है। कई बार इसी जाम की बजह से एक्सीडेंट भी हो रहे हैं। यहां के-एरिया में दो स्कूल हैं। बच्चों को इस चौराहे से निकलना जान जोखिम में डालने के बराबर हो रहा है।
2015 में अंडरपास के लिए हुआ था सर्वे
एनएचएआई ने 2015 में के एरिया चौक पर अंडरपास बनाने के प्लान के तहत सर्वे किया था। सर्वे में अंडरपास बनाने के लिए जगह को देखा गया। तब प्लान था कि यहां सोही बैंक्विट से अंडरपास बनाया जाएगा।
अंडरपास बनने के बाद हाईवे का 100 प्रतिशत ट्रैफिक ऊपर से गुजरेगा। नीचे लोकल ट्रैफिक ही चलेगा। अंडरपास बनने से हाईवे और लोकल ट्रैफिक बंट जाएगा। इससे यहां पब्लिक को राहत मिलनी थी, काफी समय इसकी फाइल दिल्ली में एनएचएआई के हेड ऑफिस में रही, पर अब इस प्रोजेक्ट को नहीं बनाया जा रहा है।