Home » Others » इस बार नहीं लगेगा चंडीगढ़ रोज फेस्टिवल

इस बार नहीं लगेगा चंडीगढ़ रोज फेस्टिवल

  •  चंडीगढ़ 40 साल में हुआ पहली बार नहीं मनाया जायेगा रोज फेस्टिवल

चंडीगढ़ में फरवरी में होने वाला रोज फेस्टिवल अब नहीं होगा। ऐसा चंडीगढ़ में पहली बार हुआ है कि जब रोज फेस्टिवल नहीं लगेगा। कोरोना के चलते चंडीगढ़ रोज फेस्टिवल (Chandigarh Rose Festival) न आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। रोज फेस्टिवल आयोजित करने के लिए होर्टिकल्चर डिपार्टमेंट की ओर से सदन में कोई प्रस्ताव नहीं रखा जा रहा। 40 साल से हर साल रोज फेस्टिवल मनाया जाता है। जिसे फरवरी माह के तीसरे सप्ताह में एक बड़ा सेलीब्रेशन किया जाता है।

लाखों खर्च कर टूरिस्ट आते है देखने

इस फेस्टिवल को देखने के लिए ट्राईसिटी में काफी क्रेज होता है। 70 से 80 लाख रुपये के बजट वाले मेले को देखने पंजाब, हरियाणा और यूपी तक के टूरिस्ट भी आते हैं। पिछले साल फेस्टिवल में 86 लाख रुपये का खर्चा हुआ था।

गुलदाउदी शो भी नहीं हुआ

गौर हो कि पिछले साल दिसंबर में कोरोना के कारण गुलदाउदी शो का भी नहीं हुआ था। हर साल इस फेस्टिवल में कई तरह की प्रतियोगिताएं भी होती थी। इसमें रेजिडेंट्स की ओर से रखरखाव किए जा रहे पार्कों और गार्डन को भी अवार्ड दिया जाता था। तीन दिवसीय रोज फेस्टिवल में करीब तीन लाख लोग घूमने के लिए आते हैं।

रोज फेस्टिवल में खास चीजें

इस फेस्टिवल में लेजर वैली में तीन दिन तक म्यूजिकल नाइट भी होती है। पंजाबी और बालीबुड सिंगर नाईट शों करते हैं। हर साल रोज फेस्टिवल का उद्घाटन प्रशासक एवं सांसद करते हैं। इसकी तैयारी के लिए नगर निगम एक माह पहले ही जुट जाता था। पार्षदों की भी अलग-अलग कमेटियां बनाई जाती है। बागवानी विभाग का मानना है कि फेस्टिवल में भीड़ ज्यादा रहती है, ऐसे में कोरोना संक्रमण बढऩे का खतरा ज्यादा हो जाएगा।

फेस्टिवल में चौपर के कारण बढ़ जाता है क्रेज

पिछले पांच साल से रोज फेस्टिवल में चौपर से हवा में उडान भरना यहां आकर्षण का केंद्र बना था। फेस्टिवल न आयोजित होने से इस बार चौपर की राईड का मजा शहरवासियों को नहीं मिलेगी। जिसके लिए हिमाचल, हरियाणा और पंजाब से भी लोग चंडीगढ़ आते हैं।