जी हां! डाक्टरों की लापरवाही के चलते एक युवक को हैंडीकैप जिंदगी जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं। मामला जेपी अस्पताल जीरकपुर (JP Hospital Zirakpur) का हैं। जिसमें अजय नामक युवक के ईलाज में इस अस्पताल ने लापरवाही बरती जिस वजह से वो 40 फीसदी हैंडीकैप हो गया। इस बात को लेकर अजय ने स्टेट कंस्यूमर डिसप्यूट्स रिड्रेसल कमिशन चंडीगढ़ में शिकायत की। जिसकी सुनवाई के बाद जेपी अस्पताल को 35 लाख रुपये वापस करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही फोरम ने अस्पताल पर तीन वर्ष के लिए आठ फीसदी ब्याज के साथ 33 हजार रुपये का हर्जाना भी लगाया है।
दरसअल अजय ने अपनी शिकायत में लिखा था कि 30 अगस्त 2018 को डेराबस्सी में अपनी फैक्ट्री के लिए बाइक से जा रहा था। ठीक उसी समय एक होर्स कार्ट उसकी बाइक से टकरा गया। इसमें उन्हें घुटने में फैक्चर के साथ काफी चोट लगी।
हादसे के बाद डेराबस्सी के सिविल अस्पताल में उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए भर्ती करवाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें फर्स्ट एड देकर उसकी छुट्टी कर दी।
फिर दर्द की वजह से जेपी अस्पताल में हुए भर्ती
अजय ने फोरम के सामने यह भी बात रखी कि कुछ दिनों के बाद उनके घुटने में गंभीर दर्द रहने लगा। जिसके बाद फिर उसी जेपी अस्पताल में भर्ती करवाया गया और दो सितंबर 2018 को डाक्टर्स ने उनके घुटने का आपरेशन कर प्लेट डाल दी। इस दौरान डाक्टर्स ने उन्हें एंटी बायोटिक और अन्य दवाइयां देकर बकायदा डिस्चार्ज भी कर दिया गया।
डाक्टर्स की लापरवाही, अजय को पड़ी भारी
वहीं पर अजय के घुटनों की सर्जरी करने के बाद वो रिकवर नहीं हुए। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि डाक्टर्स ने उनके ईलाज में लापरवाही बरती है। ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि वे प्लेट को ठीक ढंग से सैटल नहीं कर पाएं जिसके कारण उन्हें इंफेक्शन हो गया था। इस बात के बावजूद उन्हें अस्पताल प्रशासन ने छुट्टी दे दी थी।
पीजीआई ने टांग काटने की दी राय, परिवार ले गए देहरादून
जेपी अस्पताल से डिस्चार्ज करने पर अजय के परिवार वाले उसे लेकर ट्राइसिटी के हर छोटे बड़े अस्पताल गए लेकिन कही भी समस्या का समाधान नहीं मिला। वहीं पीजीआई ने भी इलाज से मना करने के साथ ही अजय की बाएं टांग को काटने की सलाह दे डाली। जिसके बाद परिवार वाले अजय को देहरादून स्थित संजय आर्थोपेडिक और स्पाइन सेंटर ले गए जहां उनका काफी दिनों तक मोटी राशि ईलाज पर खर्च कर चलने फिरने के लायक बनें।