- फैक कंपनी बना बैकों से ठगे थे 729 लाख, कोर्ट में पेश नहीं हुए तो होंगे भगौड़ा घोषित
मोहाली की फर्जी कंपनी बनाकर बैकों से करोड़ों की ठगी करने के मामले में सुनवाई करने के दौरान आरोपी कंपनियों के मालिक और डायरेक्टर को एक महीने के अंदर पेश ना होने पर भगौड़ा करार कर दिया जाएगा। ऐसा कहा है सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने ।
इंडियन ओवरसीज बैंक के साथ हुए 729 लाख रुपए के गबन के मामले में आरोपी कंपनियों के मालिक और डायरेक्टर दो साल से फरार हैं। अगर एक महीने में ये कोर्ट में पेश नहीं हुए तो इन्हें भगौड़ा करार दे दिया जाएगा।
अब मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी यानि वीरवार को होगी। अगर फिर भी पेश नहीं हुए तो इन्हें भगौड़ा करार दे दिया जाएगा और बाकी आरोपियों के खिलाफ सुनवाई शुरू हो जाएगी। अभी इन आरोपियों के पेश न होने के कारण बाकी आरोपियों के खिलाफ भी ट्रायल शुरू नहीं हो सका है।
क्या है पुरा मामला
दरसअल 5 साल पहले इंडियन ओवरसीज बैंक ने करोंडों की धोखाधड़ी के बाद सीबीआई को शिकायत दी थी। बैंक का आरोप था कि फर्जी कंपनियां बनाकर बैंक से करोंडों का लोन ले लिया था।
जिसके बाद सीबीआई ने अमरिंदर सिंह गोरवारा और परमिंदर सिंह के अलावा साहिल गोरवारा, दलजीत कौर गोरवारा, बैंक के ही पूर्व एजीएम आदर्श कुमार राजवंशी, सीनियर मैनेजर विजय कुमार ग्रोवर, सत्य कुमार पारीक, पूर्व चीफ मैनेजर, पूर्व सीनियर मैनेजर राज कुमार पांजला के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था।सीबीआई ने 30 सितंबर 2019 को आईपीसी की धारा 120बी, 467, 468, 471 और प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2)व13(1)(डी)के तहत चार्जशीट फाइल कर दी थी।
कंपनियां बनाई थी बोगस
सीबीआई ने 7 अक्टूबर 2015 को इंडियन ओवरसीज बैंक के चीफ रीजनल मैनेजर की शिकायत पर केस दर्ज किया था। शिकायत में कहा गया था कि डेराबस्सी स्थित अरविंद मशीन टूल्स कंपनी ऑटो कंपोनेंट्स का काम करती थी। कंपनी में अमरिंदर सिंह गोरवारा और साहिल गोरवारा डायरेक्टर थे।