एसबीआई एटीएम में टेक्नीकल फाल्ट के कारण मोहाली की मीनाक्षी के खाते से ट्रांसजेक्शन अधूरा रह गया लेकिन अकाउंट से 40 हजार रुपये कट गए। जब वह अपनी शिकायत लेकर बैंक गईं तो उन्हें राशि वापस देने से साफ मना कर दिया । इसके बाद मीनाक्षी ने डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन में अपनी शिकायत दर्ज करवाकर मामले में सुनवाई के बाद कमीशन ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 40 हजार रुपये लौटाने के साथ 10 हजार रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया है।
ट्रांजेक्शन नहीं हुआ लेकिन ट्रांसफर हुआ
मीनाक्षी ने शिकायत में लिखा था कि उनका स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अकाउंट हैं। 15 अगस्त, 2018 को वह एसबीआई के सेक्टर-22 स्थित एटीएम से पैसे निकालने के लिए गईं। वहीं एटीएम में टेक्निकल फॉल्ट आ गया जिस वजह से उनकी ट्रांजेक्शन पूरा नहीं हो सकी। लेकिन अगले दिन उनके मोबाइल पर एसएमएस आया जिसमें बताया गया कि उनके अकाउंट से 40 हजार रुपए काटकर संजय नाम के शख्स के खाते में डाले गए हैं। मीनाक्षी ने बैंक में बताया कि ऐसी ट्रांजक्शन उन्होंने नहीं की, उन्होंने एसएसपी और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बैंकिंग लोकपाल को शिकायत दी। इसके बाद बैंक ने उन्हें रुपये वापस करने से साफ मना कर दिया।
21 नवंबर, 2018 को उन्हें बताया गया कि उनकी शिकायत बैंकिंग लोकपाल, जयपुर, को ट्रांसफर कर दी गई है। वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने 10 मई, 2019 को बैंकिंग लोकपाल जयपुर को ई-मेल के जरिए अपनी शिकायत के बारे में जानकारी ली। बैंकिंग लोकपाल ने उनकी ई-मेल के जवाब में कहा कि केस क्लोज कर दिया गया है। ऐसे में मीनाक्षी ने बैंक के खिलाफ शिकायत दी।
बैंक ने अपने स्तर पर जांच नहीं की
डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन के सामने बैंक ने अपनी ओर से कहा कि उन्हें एटीएम के टेक्नीकल फाल्ट के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। बैंक ने डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन के समक्ष कहा कि ये साइबर क्राइम का मामला है जिसकी जांच करना पुलिस का काम है। इसलिए वे इस मामले में उनकी कोई मदद नहीं कर सकते थे।
कंज्यूमर कमीशन ने कहा, बैंक ने बरती चौकसी
कमीशन ने कहा कि इस मामले में मीनाक्षी की कोई गलती नहीं है। ऐसे में कमीशन ने बैंक को 40 हजार रुपए रिफंड करने, 10 हजार हर्जाना भरने, 5 हजार मुकदमा खर्च अदा करने के निर्देश दिए हैं।
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