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चंडीगढ़ की दिवारों पर दिखेगा बंगाल का कल्चर

  • चंडीगढ़ में दिखेगी अब बंगाल की झलक, दीवारों पर बनायीं गयी सुन्दर पेंटिंग्स

अब चंडीगढ़ में भी बंगाल का कल्चर दिखाती शानदार पेंटिंग्स दिखाई देगी। क्योकि हर स्टेट के अपने जायके में एक अलग स्वाद और खुशबू होती है। भाषा और पहनावे के साथ खाना बनाने का ढंग भी कुछ हट कर होता है। बस यहीं नजारा अब आपको दिखेगा सेक्टर-35 के बंग भवन के एंट्रेस पर।

मकसद क्या हैं पेंटिंग्स का

इसमें बंगाल का हैरिटेज और आर्ट नजर आएगा। इस वॉल आर्ट में बंगाल राज्य के इतिहास, पहनावा, कल्चर, त्योहार, परंपरा और कला की झलक मिलेगी। अपने कल्चर को दिखाने की यह पहल बंगीय समिति द्वारा की गई है।

पेंटिंग्स कब बनानी शुरू हुई

5 फरवरी को पेंटिंग्स की शुरूआत ड्राइंग के साथ हुई है। तीन दिन में सोमवार शाम तक वॉल के दो हिस्से तैयार हो गए हैं।

क्या कहते हैं बंगाली आर्टिस्ट

आर्टिस्ट पबित्रा कहती हैं कि इस वॉल पर हम अपनी ट्रेडिशनल आर्ट फॉर्म को रंग रहे हैं। समिति ने अप्रोच किया कला के जरिए हैरिटेज और परंपरा के रंगों को दिखाने के लिए, जिसकी वजह से आज भी बंगाल को जाना जाता है। इसीलिए चैरिटी अपने मकसद से अपने स्टूडेंट्स के साथ मिलकर इस कार्य को पूरा कर रहा हूं।

वॉल पर क्या क्या बन रहा हैं

बंग भवन की एट्रेस पर एक महिला बंगाली लिबास में स्वागत करती दिखाई देगी। फिर वहां के मोटिव से बांकुड़ा की घोड़ी, गाना गाता हुआ एक फकीर और मशहूर हावड़ा ब्रिज बना होगा। अपनी खूबसूरती वाला विक्टोरिया मेमोरियल और सवारी कराते हुए ट्रायम व पुलिंग रिक्शा होगा। उसके बाद दक्षिणेश्वर काली माता मंदिर और बंगाली कपडों में शादी के रीति-रिवाज दिखाएं जाएगेें। रामायण सुनती गांव की महिलाओं को बैठा दिखाया जाएगा। उसके बाद दुर्गा पूजा का मेन फेस्टिवल होगा। बंगाली वेशभूषा में धूप धूनी और ढाक बजाते हुए दिखाया है।

कौन बन रहा है पेंटिंग्स

चंडीगढ़ के छह आर्टिस्ट द्वारा वॉल तैयार 85 से 100 फुट का वॉल आर्ट तैयार की जा रही है। इसमें विलिक कुमार वर्मा, पबित्रा मजूमदार, सन्नी, मोहम्मद सूफियान, अजय के साथ सरिता आर्ट को असिस्ट कर रही हैं। बसंत पंचमी यानी 16 फरवरी तक इसे पूरी करने की कोशिश हैं। रोजाना दो घंटे शाम में कलाकार मिलकर वॉल आर्ट करते हैं।