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कबाड़ से गवर्नमेंट स्कूल की डेकोरेशन में टीचर और स्टूडेंट्स शामिल

  • बेकार कबाड़ सामान से स्टूडेंट्स ने सजाया अपना स्कूल

यदि घर में कबाड़ पड़ा हो तो कितना बुरा लगता है। जिसे हम कबाड़ी को बुलाकर बेच देते है। मगर यही कबाड़ स्कूल में हो तो स्टोर रूम भर जाते है लेकिन उसे कहीं भी इस्तेमाल नहीं कर सकते। ऐसे ही मलबे से निपटने के लिए गवर्नमेंट स्कूल सेक्टर-22 के स्टूडेंट्स ने अपने टीचर्स के साथ मिलकर साइकिल स्टैंड को एक सुंदर गार्डन में बदल दिया हैं।

यह गार्डन स्कूल के मेन गेट की एंट्री के साथ ही दिखाई दे रहा है जिसे सुंदर तरीके से दिखाने के लिए ईंटों से लेकर बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतलें, बाल्टी और डिब्बों का बखूवी से इस्तेमाल किया गया है। स्टूडेंट्स ने गार्डन बनाने के बाद हर्बल और आर्गेनिक फूलों को बोया जा रहा है ताकि स्कूल की सुंदरता बनी रहे।

इसी प्रकार से प्लास्टिक की बोतलों और डिब्बों को काटकर गमले बनाकर उसमें भी पौधे बोए गए हैं जो कि दीवारों पर रौनक और हरियाली भर रहे है।

स्टूडेंट्स से मिल कर बनाई प्लानिंग

गवर्नमेंट माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-22 की टीचर अनुपम सिंह ने बताया कि स्कूल में बहुत ज्यादा मलबा इक_ा हो गया था। मलबा कबाड़ का रूप धारण कर लेता जो कि देखने में सुंदर न लगता। इसलिए स्कूल के स्टूडेंट्स के साथ मिलकर गार्डन का निर्माण किया है और उसमें अभी पौधे लगाने की प्लानिंग हो रही है।

साइकिल स्टैंड तोडक़र बनाया गार्डन

स्कूल के प्रिंसिपल राजीव कुमार ने बताया कि स्कूल 1950 से 1955 के बीच गया था। उस समय स्कूल आने के लिए साइकिल इस्तेमाल होती थी लेकिन आज समय बदल चुका है। साइकिल स्टैंड पूरी तरह से खाली पड़ा था इसलिए उसे उखाडक़र गार्डन का निर्माण किया है। इससे स्कूल की सुंदरता बढऩे के साथ-साथ स्टूडेंट्स में भी क्रिएटिविटी बढ़ेगी जिससे वह भविष्य में इससे भी बेहतर काम कर सकेंगे।