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हाउस और प्रापर्टी टैक्स भरने के मामले में चंडीगढ़ निवासी अव्वल

  • कोरोना काल में भी चंडीगढ़ ने भरा टारगेट से ज्यादा हाउस और प्रापर्टी टैक्स

चंडीगढ़ के निवासियों ने कोरोना काल में भी अपने हाउस और प्रापर्टी टैक्स का भुगतान कर एक मिसाल कायम कर दी है। यह जानकारी आज नगर निगम की एक अधिकारी ने बताया कि 90 फीसद से ज्यादा लोगों ने अपनी प्रापर्टी टैक्स का भुगतान कर दिया है। नगर निगम अब तक ऐसे 80 हजार लोगों को क्लीयरेंस डॉक्यूमेंट्स जारी कर चुका है।

टारगेट रखा था 50 करोड़

नगर निगम ने फाईनेशियल सेशन के लिए 52 करोड़ 72 लाख रुपये की कमाई टैक्स से कर चुका है, जबकि नगर निगम ने 50 करोड़ का टारगेट रखा था। नगर निगम के अनुसार अभी इस सेशन को डेढ़ माह बाकी है और दो करोड़ और इक्टठा कर लिया जाएगा।

निगम की करोडों में होती है कमाई

गौर हो कि नगर निगम को सबसे ज्यादा कमाई प्रापर्टी और हाउस टैक्स से होती है। हर साल 50 करोड़ रुपये की कमाई होती है। लेकिन इस साल कमाई 50 करोड़ से ज्यादा बढ़ी है। नगर निगम के अनुसार अब घर बैठकर आनलाइन भी भुगतान कर सकते हैं। शहर में 55 गज से ऊपर के मकान में रहने वालों पर हाउस टैक्स लगता है।

कमर्शियल और रिहायशी इमारतों पर टैक्स
हर साल अप्रैल और मई में सेल्फ असेसमेंट स्कीम शुरू होती है। सेल्फ असेसमेंट स्कीम के तहत प्रापर्टी टैक्स जमा करवाने वालों को 10 और हाउस टैक्स जमा करवाने को 20 फीसद की छूट मिलती है। शहर में 26 हजार कमर्शियल और 70 हजार रिहायशी इमारतें हैं जोकि टैक्स भरते हैं। रेजिडेंशियल प्रापर्टी को तीन जोन में बांटा हुआ है। हर जोन के अलग-अलग रेट है। शहर में नगर निगम प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से टैक्स चार्ज करता है।