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आस्था या कोरोना- आप ही तय करें हमारे लिए क्या जरूरी ?

आज छटा नवरात्र का दिवस हैं । नवरात्र के पाँचवे दिन मां स्कन्दमाता का पूजन होता है। ट्राईसिटी में पाँचवे दिन शनिवार को श्री माता मनसा देवी मंदिर, कालका में काली मंदिर व चंडी माता मंदिर में श्रद्धालुओं ने मत्था टेका है।

आप को बता दें कि कोरोना को लेकर श्रीमाता मनसा देवी श्राईंन बोर्ड ने श्रद्वालुओं के लिए ऑनलाईन अपॉयटमेंट ले कर आने को कहा है।

वहीं कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कुंभ मेला जारी रखने पर सवाल भी उठ रहे है। देश में 24 घंटों के दौरान कोरोना के 2,34,692 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 1341 लोगों की मौत हो चुकी है। यह महामारी शुरू होने से अब तक एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

उधर कुंभ में अभी भी लाखों लोगों की भीड़ जुटी हुई है।

आज खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद साधु-संतों से अपील की है कि अब कुंभ को प्रतीकात्मक रखा जाए। मोदी ने महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी से फोन पर बातचीत कर कुंभ मेले में पॉजिटिव पाए जा रहे साधु-संतों का हालचाल भी जाना।

वहीं मोदी जी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बातचीत की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।

दूसरी ओर राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने चेताया है कि अगर भीड़ तुरंत कम नहीं की गई तो हालात चिंताजनक हो जाएंगे और अखाड़ों के शिविर कोरोना कैंप बनने में देर नहीं लगेगी। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस- प्रशासन के अधिकारी भी हाथ खडे कर चुके हैं और सभी ने मेला खत्म करने की सलाह दी है।

क्या आपकी नजर में इस महामारी के दौर में आस्था को एक तरफ रखना क्या उचित है। क्या कुछ समय के लिए हम भगवान की पूजा घर बैठे नहीं कर सकते ?