पिछले कुछ महीनों से किसान आंदोलन के समर्थन में चंडीगढ़ के राउंड अबाउंट्स पर लगातार प्रोटेस्ट हो रहे हैं। सेक्टर-17 के मटका चौक (Matka Chowk) पर आपकों निहंग बाबा जी (Nihang Baba Ji) बैठे दिखेगें। जो हाथो में झंडा लिए सुबह से रात तक दिखाई देते हैं।
पंचकूला समाचार ने इनसे बातचीत की इनके यहां बैठने का कारण पुछा तो बताया कि मैं यहां पर 6 मार्च से बैठा हूं और तब तक बैठा रहूंगा, जब तक काले कानून (Farmers Laws) वापस नहीं होते। मेरी 18 किले जमीन हैं। उसपर 40 साल तक खेती भी की है। नाभा में अभी भी 18 किले जमीन है, जो ठेके पर दी है। मैं इस बात से परेशान हूं कि आखिर ऐसे कानून बनाए ही क्यों, जिनसे आम लोगों को फायदा ही न हो।
70 साल के लाभ सिंह (Labh Singh) , हर शाम किसान आंदोलन के समर्थन में हाथों में झंडा लिए इस राउंड अबाउट्स पर आपकों दिख जाएंगे। यहां केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी होती रहती है। यहां आए लोग अपने-अपने तरीके से अपनी बात रखते हैं और आंदोलन का समर्थन करते हैं।
बुजुर्ग लाभ सिंह भी यहां बैठकर किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बताया वे सुबह 6 बजे पहुंच जाते हैं और 9 रात बजे यहां से जाते हैं। लेकिन कुछ दिन पहले मुझे पुलिसवालों ने उठाने की कोशिश की थी, लेकिन लोग वहां इकट्ठा हो गए और जब मटका चौक पर प्रोटेस्ट करना शुरू किया, तब सुबह से लेकर रात तक मैं अकेले बैठता था। दिन में बीच-बीच में लोग आते और चले जाते। लेकिन अब कुछ दिन से कई लोग मेरे साथ सुबह से लेकर रात तक प्रोटेस्ट पर बैठते हैं।
लाभ सिंह कहते हैं कि अभी मैं लांडरां में रहता हूं। यहां आए हमें कुछ समय ही हुआ है, इससे पहले करनाल (जलमाना) में रहता था। वहां कई समस्याएं थीं। भ्रष्टाचार पुरी तरह से फैला था। मुझे अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए चंडीगढ़ आना पड़ा। मैं तकरीबन 20 साल से चंडीगढ़ सेक्टर-17 के ब्रिज के नीचे भी रहा हूं। वहां समय-समय पर लंगर भी लगाता रहा हूं।