- दो साल बाद जागा प्रशासन, बिना हेलमेट ड्राइव कर रही महिलाओ के किये चालान
- मौत महिला या पुरुष नहीं देखती, तो महिलाओं को हेलमेट ना पहनने की छूट क्यों? : पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट
पंचकूला पुलिस ने एक स्पेशल ड्राइव के दौरान 10 महिलाओं के हेलमेट ना पहनने पर चालान काटे। प्रशासन द्वारा दो साल यह स्पेशल ड्राइव चलायी गयी। ट्रैफिक इंचार्ज सुखदेव सिंह ने बताया कि सेक्टर- 4/11/12 चौक के समीप नाका लगाकर बिना हेलमेट के दोपहिया चला रहे महिला व पुरुषों का चालान किया गया। उन्होंने कहा कि बिना हेलमेट के चाहे महिला हो या पुरुष उसको बख्शा नहीं जाएगा और उनका चालान किया जाएगा।
मोटर व्हीकल एक्ट 1988, और हरियाणा मोटर व्हीकल रूल्स 1993 के तहत हर व्यक्ति महिला हो या पुरुष को दो पहिया वाहन पर सफर करते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य है। मालूम हो कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बिना हेलमेट पहने महिलाओं की दुर्घटना में हुई मौतों पर खुद संज्ञान लेते हुए प्रशासन को नोटिस जारी किया था। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने कहना है कि मौत महिला या पुरुष नहीं देखती, तो महिलाओं को हेलमेट ना पहनने की छूट क्यों दी जाए?
महिलाओं के लिए भी हेलमेट जरूरी
20 सितंबर 2018 से हर उस महिला के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया गया था, जो दोपहिया वाहन चलाती है या फिर उस पर पीछे बैठकर सफर करती है। अधिसचूना जारी होने के बाद जो महिलाएं हेलमेट नहीं पहनेंगी, ट्रैफिक पुलिस द्वारा उनके चालान काटे जाएंगे। प्रशासन के अनुसार हेलमेट जरूरी होने से महिलाओं के साथ होने वाले सड़क हादसों में भी कमी आएगी। परंतु दो सालो में प्रशासन और पुलिस द्वारा इस मामले में कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया था।
बिना हेलमेट के सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा मौत
आंकड़ों को देखा जाए तो 2013 में 18, 2014 में 26, 2015 में 18, 2016 में 22 और 2017 में 18 महिलाओं की मौत दुर्घटना से हुई थी और पीड़ित महिलाओं ने हेलमेट नहीं पहना हुआ था। साल 2000 में भी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने का आदेश दिया था। वहीं 2018 में फिर से इस पर सख्ती से कार्यवाही करने का फैसला लिया गया।
कोण कर सकता है बिना हेलमेट के सफर
- जिसको डॉक्टर द्वारा हेड गियर पहनने के लिए मना किया गया
- सिख धर्म का पगड़ी पहने वाला व्यक्ति
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