चंडीगढ़ में करीब 18 हजार स्ट्रे डॉग्स (Stray Dogs ) सडकों पर घुम रहे है। पिछले एक साल से स्टरलाइजेशन (Sterilization) का काम भी रुका हुआ हैं। जिसका बड़ा कारण कोरोना हैं। ऐसे मे नगर निगम की ओर से कुत्तों की स्टरलाइजेशन के लिए ई-टेंडर निकाला गया है।
30 अप्रैल तक इसमें अप्लाई किया जा सकता हैं। ई-टेंडर (E-Tender) को उसी दिन दोपहर में खोला जाएगा। टेंडर की शर्त के अनुसार एक माह में 150 डाग्स की स्टरलाइजेशन आवश्यक की गई है। टेंडर लेने वाली कंपनी ने अगर टारगेट (Target) से कम स्टरलाइजेशन की उसे 100 रुपये के हिसाब से डॉग का जुर्माना (Penalty ) दिया जाएगा।
एनिमल वेलफेयर बोर्ड (Animal Welfare Board) द्वारा मान्यता प्राप्त एनजीओ (NGO) भी अप्लाई कर सकती है। जिसे टेंडर दिया जाएगा उसके साथ नगर निगम एक समझौता (MOU) भी साइन करेगा। दो लाख 70 हजार रुपये की सिक्योरिटी (Security) भी जमा करवानी होगी। स्टरलाइजेशन के लिए सेंटर की जगह नगर निगम द्वारा ही दी जाएगी। लेकिन इस समय सेक्टर-38 में यह सेंटर बनाया गया है।
नगर निगम द्वारा ही डॉग को पकडने के लिए टीम और व्हीकल्स (Team and Vehicles provides )मुहैया करवाया जाएगा। स्टरलाइजेशन के साथ साथ डॉग को एंटी रेबिज वैक्सिन (Anti Rabies Vaccine ) भी दी जाती है। जबकि साल 2011 की गणना (2011 Census) में डॉग की संख्या 8500 पाई गई थी।
चंडीगढ़ में हर दिन करीब 50 लोगों को स्ट्रे डाग्स बाईटिंग (Biting ) कर अपना शिकार बनाते हैं। लेकिन आप अपने एरिया से स्थायी तौर (Temporary) पर कुत्तों को नहीं हटा सकते है।
नगर निगम के एमओएच विग के डा. एमएस कंबोज का कहना है कि एबीसी रूल्स (ABC Rules) के अनुसार जिस जगह से कुत्ता नसबंदी (Sterilization) और एंटी रेबिज वैक्सिन देने के लिए जिस जगह से कुत्ता उठाया जाता है। वहीं पर ही वापस पांच दिन बाद छोड़ा जाता है। एक्ट के अनुसार कुत्ते को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता।
नगर निगम का रायुपर कला में भी नया सेंटर बनाने का प्लान है।