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एंबुलेंस की जगह कचरे वाली गाड़ी से श्मशान पहुंचाया कोरोना मृतक का शव

यह खबर हमें चौंकाती है और लापरवाही को बताती है कि सरकारो के पास समय नहीं था । हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन में बेहद चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। जिसे देख कर इंसानियत भी शर्मसार हो गई। वहां कोरोना मरीजों के शवों को श्मशान घाट तक पहुंचाने के लिए कचरा उठाने वाली गाड़ी का इस्तेमाल हो रहा है।

दरसअल इंडस्ट्रीयल एरिया बद्दी स्थित काठा अस्पताल में कोरोना से एक मरीज की मौत हो गई। लेकिन, प्रशासन ने उसकी अंतिम विदाई के लिए उसे कचरा उठाने वाली गाड़ी भेज दी। जिससे देख परिवार भी दंग रह गया। जबकि, बद्दी में शव लाने के लिए प्रशासन ने 5 व्हीकल्स दिए है।

ऐसे में नगर परिषद ने मृतक का पार्थिव शरीर कूड़ा उठाने वाली ट्रॉली से श्मशान घाट तक पहुंचाया। यह लापरवाही नगर परिषद एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और ब्लॉक मैडिकल ऑफिसर द्वारा बरती गई। जिस गाड़ी से नगर परिषद शहर की गंदगी उठाती है, उसी गाड़ी में शव को श्मशानघाट ले जाया गया।

मृतक के परिजनों और दून के एक्स एमएलए ने घटना पर कड़ा विरोध जताया है।

जब लापरवाही सामने आई तो भी नगर परिषद के ईओ आरएस वर्मा को अपनी गलती महसूस नहीं हुई। उन्होंने सफाई देते हुए दलील दी कि ट्रॉली को अच्छे से साफ करके भेजा गया था। एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने पर ट्रॉली में शव को श्मशानघाट तक लाया गया। यही नहीं उन्होंने मीडिया से अपनी बातचीत को कैमरे पर बताने से साफ इंकार कर दिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का दम फूल चुका है।

वहीं ऑफिसर की लापरवाही से राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग की छवि खराब हो गई है। मामला संज्ञान में आने पर नालागढ़ के एसडीएम नालागढ़ महेंद्र पाल ने नगर परिषद बद्दी के कार्यकारी अधिकारी व खंड चिकित्सा अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।                                                                                                      Image Source :Dainik Bhaskar