पंजाब यूनिवर्सिटी में सोमवार दोपहर 2.30 बजे स्टूडेंट्स ने हॉस्टल खाली करने पर हॉस्टलर्स ने विरोध किया। प्रशासन ने सभी हॉस्टलर्स को 12 मई तक हॉस्टल रूम खाली करने का निर्देश जारी किया है। जिसके खिलाफ हॉस्टलर सड़क पर उतर फैसले का विरोध किया।
प्रशासन ने हॉस्टलर्स को 72 घंटे में कमरा खाली करने का नोटिस जारी किया। जिसके विरोध में स्टूडेंट्स ने सोमवार दोपहर 2.30 बजे पीयू के एडमिस्ट्रेशन ब्लॉक के दोनों गेटों को अंदर से बंद कर दिया। करीब ढ़ाई घंटे तक कोई भी कर्मचारी और अधिकारी बाहर या अंदर नहीं जा सका। कर्मचारियों के काफी समझाने पर शाम 5 बजे गेट खोले गए।
बता दें पीयू कैंपस के हॉस्टल में इस समय करीब 800 स्टूडेंट्स रह रहे हैं, जिनमें रिसर्च स्कॉलर और साइंस विभागों से फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स शामिल हैं।
घर से ज्यादा हॉस्टल में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं छात्र
एसएफएस छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से कोई भी उनसे बात करने नहीं आया। स्टूडेंट्स का कहना है इस महामारी में वह घर से अधिक हॉस्टल में खुद को अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पीयू प्रशासन सभी स्टूडेंट्स को हॉस्टल से निकालने का फरमान जारी नहीं कर सकता।
सभी विभागों से कोरोना पॉजिटिव डाटा मांगा
स्टूडेंट्स के कड़े विरोध को देखते हुए पुलिस को भी बुलाना पड़ा, लेकिन स्टूडेंट्स पीयू प्रशासन के फैसला वापस लेने पर अड़े रहे। पंजाब यूनिवर्सिटी में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों से प्रशासन काफी चिंतित है। सभी विभागों से कोरोना पॉजिटिव का डाटा मांगा गया है।
बता दें पीयू कैंपस में अप्रैल-मई में अभी तक 200 से अधिक पीयू प्रोफेसर, कर्मचारी और स्टूडेंट्स कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। पीयू प्रशासन कैंपस में कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाने पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है।
प्रो. वीआर सिन्हा, डीयूआइ पंजाब यूनिवर्सिटी ने बताया कि हॉस्टलर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही स्टूडेंट्स को घर जाने के लिए कहा गया है। स्टूडेंट्स की वाजिब मांगों पर कार्रवाई करेंगे।