पंचकूला में कोरोना की सेकंड बेव ने काफी तबाही मचा दी हैं। वहीं जिलें भर के अस्पतालों में कोरोना से होने वाली मरीजों की मौत का आंकड़ा भी कम नहीं हो रहा हैं। ऐसे में विभाग की ओर से जारी होने वाले कोविड डेथ के आंकड़े और कोविड प्रोटोकॉल के तहत होने वाले अंतिम संस्कार के आंकड़ों में भी बड़ा फर्क देखने को मिल रहा है।
आप को बता दें कि मई के शुरुआती 10 दिनों में कुल 22,105 सैंपल लिए गए, जिसमें कुल 5,342 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इसमें 4,254 लोग पंचकूला के रहने वाले हैं। वहीं, विभाग की ओर से 46 रोगियों की मौत का दावा गया। जबकि, चंडीगढ़ भास्कर की खबर के अनुसार पिछले 10 दिनों में कोविड प्रोटोकॉल से 170 से ज्यादा शवों के संस्कार किए गए है।
देखा जाएं तो पूरे अप्रैल में दर्ज मौतों की तुलना में मई में सबसे ज्यादा मौतों की संख्या देखी गई है। जबकि पिछले महीने अप्रैल के 10 दिनों में केवल चार मौतें दर्ज की गई थीं, अगले 10 दिनों में 14 मौतें हुईं थी। पंचकूला जिले में मृत्यु दर अब नेशनल एवरेज 1 प्रतिशत को पार कर 1.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
हरियाणा सरकार ने एक सप्ताह के लिए पाबंदियां बढ़ाते हुए लॉकडाउन के बजाय इसे महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा का नाम दिया है। अब 17 मई तक नए सिरे से पाबंदियां लगाई गई हैं। इस बार लॉकडाउन में ओर सख्ती बरती जाएगी।
मशीनों को चलाने के लिए कर्मचारियों की भी कमी
पंचकूला स्वास्थ्य विभाग में सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ मनोज वर्मा का कहना है कि कोरोना के मामले दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं। इस समय कोरोना केसेस निपटने के लिए बहुत अधिक संख्या में हैं। । इस दौरान हॉस्पिटल स्टाफ पर पहले से ही बहुत अधिक काम का दबाव है।
औसतन एक वेंटिलेटर की कीमत 10 लाख रुपये और बीपाप की 50,000 रुपये है। अब अगर खरीदे जाएं तो इन मशीनों को चलाने के लिए कर्मचारी नहीं हैं ऑक्सिजन की कमी और दवाओं की ब्लैक मार्केटिंग, मौत का कारण बन रही हैं।
डॉ वर्मा ने कहा कि अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सिजन प्लांट की भारी कमी के साथ साथ रेमेडिसविर और टोसीलिज़ुमाब जैसे ड्रग्स की भी भारी कमी पड़ रही है। अगर हमारे पास पर्याप्त ऑक्सीजन होती, तो हम अपने सभी बेड को ऑक्सीजन बेड में बदल सकते थे। हम जहाँ आवश्यक हो वहाँ क्वार्नटाईन सेंटर्स में भी ऑक्सीजन प्रदान कर सकते थे। ऑक्सिजन की कमी और ड्रग्स की ब्लैक मार्केटिंग मरीजों की मौत का सबसे बड़ा कारण बन रहा है।
कोविड प्रोटोकॉल करें फॉलो
इसके साथ ही दाह संस्कार में भी 20 से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी थी। अब इस संख्या को घटाकर 10 कर दिया है। लोगों से अपील की जा रही है कि कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो करें। और साथ ही वैक्सीनेशन करवा कर प्रशासन का सहयोग करें।ं