हिमाचल प्रदेश के जुब्बल कोटखाई के विधायक नरेंद्र बरागटा का निधन हो गया है। बरागटा दो बार मंत्री रह चुके थे और पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती थे । शुक्रवार ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पीजीआई आकर बातचीत की थी। वर्तमान में वह जुब्बल कोटखाई चुनाव क्षेत्र से विधायक व सरकार में मुख्य सचेतक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे ।
सुबह ही नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है।
मेरे पिता व हम सभी के प्रिय भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार में मुख्य सचेतक श्री नरेन्द्र बरागटा जी स्वास्थ्य से सम्बंधित लम्बे संघर्ष के बाद अपने जीवन की अंतिम लड़ाई हार गए। pic.twitter.com/B02gGbr40T
— Chetan Bragta (@chetanbragta) June 5, 2021
आपकों बता दें कि बरागटा कोरोना से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड अफेक्ट से जूझ रहे थे। वे पिछले 20-25 दिनों से पीजीआई में भर्ती थे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि दी है उन्होंने लिखा की
ईश्वर बरागटा जी की दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके शोकग्रस्त परिवार को इस मुश्किल घड़ी में इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
ईश्वर से ऐसी प्रार्थना करता हूँ।
ॐ शांति !
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) June 5, 2021
ईश्वर बरागटा जी की दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके शोकग्रस्त परिवार को इस मुश्किल घड़ी में इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ईश्वर से ऐसी प्रार्थना करता हूँ। ॐ शांति !
नरेंद्र बरागटा का जन्म 15 सितंबर 1952 को घर गांव टहटोली तहसील कोटखाई, शिमला में हुआ था। बरागटा 1969 में डीएवी स्कूल शिमला में छात्र संसद के महासचिव बने तथा 1971 में एसडीबी कॉलेज शिमला के केंद्रीय छात्र संघ के उपाध्यक्ष चुने गए। उसके बाद 1978 से लेकर 1982 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे तो 1983 से लेकर 1988 तक जिला शिमला भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री बने। 1993 से लेकर 1998 तक भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
1998 में शिमला विधानसभा चुनाव क्षेत्र से विधायक बने तथा तत्कालीन धूमल सरकार में उन्हें बागवानी मंत्री बनाया गया। उसके बाद जुब्बल कोटखाई चुनाव क्षेत्र से 2007 से लेकर 2012 तक विधायक बने ।