पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने दो लाख की रिश्वत मांगने और आय से अधिक संपत्ति मामले में इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर नितिन गर्ग को चार साल की सजा सुनाई है। यहीं नहीं अदालत ने आरोपी पर दो लाख का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, एक अन्य आरोपी प्रिंस को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। आरोपी प्रिंस इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर के घर पर काम करता था।
मामला पांच साल यानी की सात फरवरी 2016 का है। सिरसा के पुरुषोत्तम कुमार ने नितिन गर्ग के खिलाफ सीबीआई की अदालत में दो लाख रुपये रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। सीबीआई ने आरोपी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज किया था। पुरुषोत्तम कुमार ने शिकायत में बताया था कि गर्ग ने उन्हें 2013-14 की असेसमेंट के लिए नोटिस निकाल दिया। इसे निपटाने के लिए गर्ग ने उनसे दो लाख रुपये रिश्वत की मांग की।
शिकायत में बताया था कि नितिन ने पुरुषोत्तम कुमार को धमकी दी थी कि यदि वह रिश्वत नहीं देगा तो बदले में पैनाल्टी लगाई जाएगी। शिकायत में पुरुषोत्तम ने यह भी कहा था कि नितिन गर्ग ने अपने सहयोगी को दो लाख रुपये देकर मामला रफा दफा करने की बात कही थी। इससे पहले ही शिकायतकर्ता ने सीबीआई को इसकी सूचना दे दी थी। इसके बाद सीबीआई की टीम ने आरोपी के बठिंडा स्थित गणेश नगर जाकर घर पर दबिश दी थी। मामले में सीबीआई ने आरोपी नितिन गर्ग के अलावा उनके नौकर प्रिंस को भी गिरफ्तार किया था।
वहीं सीबीआई के वकील केपी सिंह ने बताया कि टीम ने नितिन गर्ग के बठिंडा स्थित आवास पर दबिश दी थी। गर्ग के निवास व दफ्तर से 15.60 लाख रुपये कैश, एक किलो 620 ग्राम सोना, 60 लाख की कीमत के हीरे, पांच लाख रुपये की चांदी, परिवार के विभिन्न सदस्यों के नाम पर 26 बैंक अकाउंट, दो बैंक लॉकर के दस्तावेज बरामद किए गए थे।
वहीं गर्ग की ओर से सबूत भी नहीं पेश किए जा सके। सात फरवरी 2016 को सीबीआई की टीम ने गर्ग के घर पर छापा मारा तो उन्होंने तबीयत खराब होने की शिकायत की। जिसके बाद उन्हें तुरंत बठिडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। रातभर सीबीआई के अधिकारी नितिन गर्ग की देखभाल के लिए अस्पताल में रूके रहे। जैसे ही उनकी सेहत में सुधार आया।
सीबीआई की टीम ने अस्पताल से छुट्टी करवाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।