चंडीगढ़ सिटी की ओर से सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र विजेता नीरजा भनोट के भाई अनीश भनोट का वीरवार निधन हो गया। अनीश भनोट 63 साल के थे। पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि वीरवार देर शाम वह पार्क में सैर करने के लिए निकले थे। मौसम खराब होने पर घर वापस आ रहे थे कि अचानक गेट के पास ही गिर पड़े। जब तक घर वाले उन्हें अंदर लाए तब तक उनका निधन हो चुका था।
उन के परिवार में पत्नी शांति भनोट और बेटा हरि भनोट हैं। बेटा हरि मुबंई की कंपनी में सीए हैं । अनीश भनोट एक जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता थे। वह रोटरी शिवालिक चंडीगढ़ के पूर्व अध्यक्ष थे। इसके अतिरिक्त नीरजा भनोट पेन एम ट्रस्ट के भी वह सेक्रेटरी थे।
कौन थी नीरजा भनोट
आप को याद दिला दें कि नीरजा भनोट एक ऐसी लडक़ी थी जिसकी बहादुरी के लिए पाकिस्तान ने उन्हें तमगा-ए-इंसानियत से नवाजा था। अपनी समझदारी के दम पर उसने एयरलाइंस से सफर करने जा रहे कई यात्रियों की जान बचाई थी। 5 सितंबर 1986 को अपहरणकर्ताओं ने पैन एएम फ्लाइट 73 को कराची से हाईजैक कर लिया था। इस दौरान नीरजा भनोट सहित 20 लोगों की मौत हो गई थी और सौ से अधिक यात्री घायल हो गए थे। इस फ्लाइट में कुल 379 यात्री सवार थे। इस हादसे के समय नीरजा की उम्र महज 22 साल थी। नीरजा भनोट की बहुत सी बातों व उनके नजरिये को दुनिया के सामने उनके छोटे भाई अनीश भनोट ही लेकर आए थे।
नीरजा को लेकर बॉलीवुड में एक फिल्म भी बनी है, जिसकी काफी सराहना हुई थी। अनीश भनोट ने नीरजा भनोट पर ‘नीरजा भनोट-द स्माइल ऑफ करेज’ बुक लिखी थी। यह किताब उन लोगों के लिए लिखी गई थी जो कि नीरजा भनोट के बारे में जानना के इच्छुक हैं।