पंजाब कांग्रेस में नाराज चल रहे पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू से राहुल गांधी की मुलाकात नहीं हुई है। मंगलवार को पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गांधी के घर पहुंचने से पहले राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है। दरअसल पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है।
सोमवार से ही मीडिया में ऐसी खबरें आ रही थीं कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब से दिल्ली पहुंचेंगे और मंगलवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात भी कर सकते हैं। यह भी कहा जा रहा था कि इस मुलाकात में सिद्धू, अमरिंदर सिंह को लेकर अपनी बात शीर्ष नेताओं के सामने रखेंगे। इस बैठक को लेकर कहा जा रहा था कि मीटिंग के दौरान सिद्धू की नाराजगी को भी दूर करने का प्रयास पार्टी आलाकमान की तरफ से किया जाएगा। लेकिन अब 10 जनपथ के लिए रवाना होने से पहले राहुल गांधी ने कहा है कि पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ उनकी कोई बैठक नहीं है।
बता दें कि अगले साल देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन राज्यों में पंजाब भी शामिल है। लिहाजा पार्टी पंजाब कांग्रेस में चल रही किसी भी तरह की गुटबाजी को अभी बाहर नहीं आने देना चाहती है। हाल ही में सिद्धू ने बरगारी मामले और कोटकपुरा फायरिंग की जांच में ढ़िलाई बरतने का आरोप लगाते हुए कैप्टन सरकार पर निशाना साधा था। कुछ अन्य मुद्दों को लेकर भी नवजोत सिंह सिद्धू पहले से नाराज थे। लेकिन सिद्धू के इस बयान के बाद पंजाब कांग्रेस में चल रही आंतरिक कलह सतह पर आ गई थी।
पार्टी में चल रही इस खींचतान को खत्म करने के लिए कांग्रेस में तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने पंजाब में जाकर पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी थी। मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीश रावत और जय प्रकाश अग्रवाल वाली इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री बनाए रखने की सलाह दी थी। उस वक्त यह भी कहा गया था कि सिद्धू की नाराजगी को खत्म करने के लिए उन्हें डिप्टी सीएम या फिर या फिर पार्टी में कोई बड़ा ओहदा दिया जा सकता है।