चंडीगढ़ में लॉकडाउन हटने के बाद अब तकरीबन सारे बाजार खुल चुके हैं। रेस्टोरेंट, ऑटोमोबाइल, बिल्डिंग मैटिरियल जैसे सेक्टरों की मजबूत शुरुआत हुई है। कपड़ा व रेडीमेड बिजनेस के स्पीड़ पकडऩे में अभी थोड़ा समय लग सकता है।
कारोबारियों की मानें तो जब तक शादियों का दौर शुरू नहीं होता और कॉलेज नहीं खुलते, तब तक बिजनेस की कश्ती मझदार में फसी रहेंगी। ग्राहक भी बेवजह की खरीदारी से कतरा रहे हैं। इस वजह से कपड़ा कारोबारी थोड़े मायूस हैं।
लेकिन लॉकडाउन हटने से ग्राहकों के आने का दौर शुरू हुआ है। मार्के में पहले के मुकाबले थोड़ी चहल कदमी बढ़ी है। लेकिन लग्जरी खरीदारी से ग्राहक परहेज कर रहे हैं। ग्राहकों की अपनी समस्याएं हैं, जो काफी हद तक जायज भी हैं।
कारोबारियों का कहना है कि पिछले साल से उन्हें जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई कर पाना मुश्किल होगा। कई कारोबार तबाह हो चुके हैं तो कई कर्ज में डूब गए हैं। इसलिए कारोबारी अपनी शुरुआत शून्य से मान रहे हैं।
सेक्टर 15 पटेल मार्केट के सोनू ने बताया, आमतौर पर ग्राहक तभी खरीदारी करता था, जब घर पर कोई शादी समारोह हो, सैर-सपाटा हो या ऑफिस की पार्टी या बड़ी मीटिंग हो। ये सब पिछले डेढ़ साल से बंद है। ऑफिस भी बंद हैं। वर्क फ्रॉम होम से ही कामकाज हो रहा है। ऐसे में लोग क्यों खरीदारी करेंगे? लेकिन उम्मीद पर दुनिया कायम है। उम्मीद है कि अच्छे फिर से लौट कर आएगें।
वहीं खरबंदा ने बताया कि एक वजह यह भी है कि ग्राहकों का भी हाथ तंग है। कई की नौकरी चली गई तो कई की तनख्वाह आधी कर दी गई है। कुछ लोग अब कपड़ों के बजाय खाने-पीने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं।
तीसरी लहर का डर भी कायम
कारोबारियों का कहना है कि जिस तरह तीसरी लहर की खबर सामने आ रही है, उससे व्यापार पर बहुत फर्क पड़ रहा है। कपड़े का कारोबार सीजन पर निर्भर करता है और सीजन का माल कई महीने पहले तैयार करना पड़ता है। अब बड़े व्यापारी समझ नहीं पा रहे हैं, नया माल तैयार करें कि नहीं। यदि तीसरी लहर आती है तो सारा माल फिर फंस जाएगा।