देशभर में बढ़ती महंगाई से लोगों की रसोई का बजट तो बिगड़ चुका है, वहीं वाहन चालक भी परेशान हो रहे हैं कि पेट्रो पदार्थो के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं। कोरोना संकट के बीच सभी वस्तुओं के दाम बढऩे से आम लोगों की हालत खराब हो चुकी है।
हरियाणा में 15 जुलाई को पेट्रोल का दाम 98.62 रुपये प्रति लीटर हो गया है। डीजल का दाम 89.96 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। वहीं चंडीगढ़ में डीजल 89.50 रुपये और पेट्रोल का दाम बढक़र 97.64 रुपये प्रति लीटर हो गया है। दुध कपंनियों ने भी दुध के दामों में बढ़ौतरी की घोषणा कर दी हैं। वहीं खाद्य तेल का दाम 160 से लेकर 200 तक हो चुका है। घरेलू गैस सिलेंडर भी कुछ समय बाद 1000 रुपये तक पहुंच सकता है। यही नहीं कोरोना काल में अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए फल खाना जरूरी है, लेकिन ये भी आम लोगों की पहुंच से दूर हो रहे हैं।
ट्राईसिटी में सब्जियों और फलों के दाम में रात-दिन का अंतर देखा जा रहा है। पेट्रो पदार्थों के दाम में बढ़ोतरी का सीधा असर महंगाई पर पड़ता है। व्यापारियों व आम लोगों का कहना है कि कोरोना काल के बाद सबकी आमदनी कम या खत्म हो चुकी है। पेट्रोल, डीजल, राशन का खर्च महंगाई के कारण बढ़ता जा रहा है।
बिजली बिल, मकान, दुकान का किराया, बच्चों की स्कूल फीस, दवाई खर्च की तलवार सिर पर लटकती रहती है। सरकार को आम लोगों व व्यापारियों के लिए कुछ राहत की घोषणा करनी चाहिए तथा महंगाई पर भी अंकुश लगाना चाहिए।
पिछले साल 130 रुपये तक बिकने वाला सरसों का तेल 200 रुपये, वनस्पति घी 90 से बढक़र 150, रिफाइंड तेल 90 से 150, चायपत्ती 250 से बढक़र 400 के भाव से बिक रही हैं। वहीं राजमाह 110 से बढक़र 140 रुपये, काबुली चने 90 से 120 रुपये प्रति किलो हो गए हैं।
घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की बात करें तो वह अब 844 रुपये तक पहुंचकर रही सही कसर पूरी कर रहा है। यदि महंगाई ऐसे ही बढ़ती रही तो सिलेंडर जल्द ही 1000 रुपये तक पहुंच जाएगा।
कोरोना से परेशान लोगों की मदद करने के स्थान पर सरकार को लोगों को राहत देने बारे सोचना चाहिए।