औद्योगिक और व्यापार विकास नीति-2017 के ज़रिये कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से किये गए महत्वपूर्ण प्रयासों ने उद्योगों को उत्साहित करने के लिए बेहतर माहौल को यकीनी बनाया है। यह जानकारी आज यहाँ उद्योग मंत्री श्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने दी।
श्री अरोड़ा ने बताया कि पंजाब में पहले ही 91,000 करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है। उन्होंने बताया कि कारोबार में आसानी, ऑटो-रीन्यूअल के साथ-साथ सांझे निरीक्षण और ज़मीन की ऑनलाइन अलॉटमेंट जैसे कदम राज्य में उद्योग को तरक्की के मार्ग पर लेकर आए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में पंजाब शॉप्स एंड कमर्शियल ईस्टेबलिशमेंट एक्ट, 1958 के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन के रीन्यूअल की ज़रूरत को ख़त्म कर दिया गया है जबकि फैक्टरीज एक्ट 1948 के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन के लिए, लेबर (आर एंड ए) एक्ट, 1970 के अंतर्गत ठेकेदारों के लाइसेंस के लिए और इंटर-स्टेट माईग्रेंट वर्कमैन (आरई एंड सीएस) एक्ट, 1979 के अंतर्गत ठेकेदारों की रजिस्ट्रेशन के ऑटो-रीन्यूअल को अनिवार्य किया गया है।
मंत्री ने आगे बताया कि दवाओं के उत्पादन /बिक्री /भंडारण सम्बन्धी लाइसेंस के लिए ऑटो-रिटेंशन प्रदान की गई है जबकि लेबर और लीगल मैट्रोलॉजी विभागों, डायरेक्टोरेट ऑफ बॉयलर्ज़ और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से सुझाए गए नियमों के अंतर्गत पालन सम्बन्धी जांच के लिए अचानक जांच करने हेतु कम्प्यूटराईज़्ड सैंट्रल इंस्पैक्शन सिस्टम (www.pbinspections.gov.in) लागू किया गया है।
पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब में ई-ऑक्शन के द्वारा ज़मीनों की अलॉटमेंट करने के लिए कम्प्यूटराईज़्ड सिस्टम भी लागू किया गया है। यह ऑनलाइन सिस्टम निवेशकों को प्रभावशाली ढंग से अलॉटमेंट पत्र प्राप्त करने में सहायता करता है।